समाचार

पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी अली सईद नहीं रहे 

गोरखपुर। पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी अली सईद का सोमवार को एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था। वह 82 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। वह 1964 टोक्यो ओलिंपिक की स्वर्ण पदक विजेता हाकी टीम के खिलाड़ी रह चुके थे।

मंगलवार को पूर्व अंतर्राष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी एसएम अली सईद को बुलाकीपुर स्थित खानदानी कब्रिस्तान में नम आंखों के साथ सुपुर्दे खाक किया गया। सबसे पहले जनाजा की नमाज अदा की गई। इसके बाद अन्य रस्म अदा कर फातिहा पढ़ी गई। इस दौरान एसएम अली इब्राहिम, एसएम अली जावेद, एसएम अली नवेद, एसएम अली आमिर, अली हक सहित खिलाड़ी, समाजसेवी आदि मौजूद रहे।

अली सईद के भतीजे आमिर इब्राहिम ने बताया कि अली सईद करीब डेढ़ वर्ष से अस्वस्थ चल रहे थे। शनिवार को उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने पर रुस्तमपुर स्थित एक अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिश की, लेकिन बचा नहीं सके। उसके बाद उनका शव उनके पैतृक निवास नवाब हाउस, मोहल्ला बड़ा काजीपुर ले आया गया। उनके परिवार में भाई मो. इब्राहिम व उनके परिवार के अन्य सदस्य ही हैं।

गोरखपुर में हाकी खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने और हाकी के मजबूत स्तंभ रहे एसएम अली सईद 1964 टोक्यो ओलिंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे। वे फारवर्ड के बेहतरीन लेफ्ट विंगर खिलाड़ी थे। ओलिंपिक में पदक जीतने वाले वे गोरखपुर के एकमात्र खिलाड़ी थे। 1960 के दशक में हाकी को लेकर इस खिलाड़ी का हाकी के प्रति प्रेम जीवन के अंतिम पड़ाव तक बना रहा। अब भी हाकी को लेकर वे अपने परिवार और मिलने वालों से चर्चा किया करते थे।

भारत के मैच जीतने पर उनके मन का युवा खिलाड़ी बाहर आ जाता था। बातों-बातों में भारत की हाकी के स्वर्णिम दिनों की चर्चा करने लगते थे। पाकिस्तान के खिलाफ उस ओलिंपिक के फाइनल में भारत की ऐतिहासिक जीत की चर्चा करते हुए उनका चेहरा चमक उठता था। 1964 का टोक्यो ओलिंपिक उनके साथ ही पूरे गोरखपुर के लिए ऐतिहासिक था। वह पहला और अंतिम ओलिंपिक था, जिसमें स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम में गोरखपुर के खिलाड़ी की मौजूदगी थी।