चार चीनी मिलों ने 33.36 करोड़ का भुगतान किया, कप्तानगंज चीनी मिल पर अब भी 56 करोड़ बकाया

कुशीनगर। कुशीनगर जिले की चार चीनी मिलों ने एक सप्ताह के अंदर 3336.73 लाख रूपए गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। जिले की कप्तानगंज चीनी मिल ने पिछले छह महीने में एक रूपये का भी भुगतान नहीं किया है। सर्वाधिक गन्ना मूल्य 5614.34 लाख रुपया बकाया इसी चीनी मिल पर है।

गोरखपुर न्यूज लाइन ने 26 जून को समाचार प्रकाशित किया था कि कुशीनगर जिले के पाँच चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 133.20 करोड़ रुपया बकाया है। समाचार के प्रकाशित होने के एक सप्ताह के अन्दर चार चीनी मिलों-ढाढा, रामकोला पी, सेवरही और खड्डा ने 3336.73 लाख रुपये का भुगतान किया है।

ढाढा चीनी मिल ने एक सप्ताह के अंदर 1754.01 लाख, रामकोला पी ने 706.67 लाख, सेवरही ने 764.61 लाख और खड्डा चीनी मिल ने 110.87 लाख रुपए गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।

कप्तानगंज चीनी मिल ने इस अवधि में भी एक रुपए का भी भुगतान नही किया है। कप्तानगंज चीनी मिल ने 17 दिसम्बर 2020 तक गिराए गए गन्ने का ही भुगतान किया है। इस तरह चीनी मिल ने पिछले छह महीने में एक भी रुपए का भुगतान नहीं किया है। कप्तानगंज चीनी मिल पर गन्ना किसानों को 2600.97 लाख रुपए बकाया है। इस चीनी मिल ने अभी तक सिर्फ 37.50 फीसदी गन्ना मूल्य का ही भुगतान किया है जबकि ढाढा चीनी मिल ने 97.19, रामकोला पी ने 96.67, सेवरही ने 81.36 फीसदी और खड्डा चीनी मिल ने 91.20 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान कर दिया है।

कुशीनगर जिले के पांच चीनी मिलों पर अभी भी 9983.29 लाख रुपए गन्ना मूल्य बकाया है।

पेराई सत्र 2020-21 में इन पांच चीनी मिलों ने 215.39 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जिसका मूल्य 69368.73 लाख रुपया हुआ। अब तक इन चीनी मिलों ने 30 जून तक 59385.44 लाख रुपया गन्ना मूल्य का भुगतान किया है।

वेटरनस एसोशिएशन किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भाकियू (अ) के जिलाध्यक्ष रामचन्द्र सिंह ने बताया कि उन्होंने जिला गन्ना अधिकारी से मुलाकात कर बकाया गन्ना मूल्य भुगतान जल्द से जल्द कराने की मांग की। जिला गन्ना अधिकारी ने बताया कि सेवरही और कप्तानगंज चीनी मिल को नोटिस जारी की गई है।एक सप्ताह के अन्दर किसानों के गन्ने का भुगतान नही किया गया तो कार्यवाही होगी।

श्री सिंह ने कप्तानगंज चीनी मिल पर भारी बकाया पर आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि यदि चीनी मिल इस सत्र का पूरा चीनी भी बेच कर भुगतान करे तो भी लगभग 40 करोड़ बकाया रह जायेगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से कप्तानगंज चीनी मिल का सम्पूर्ण बकाया भुगतान कराने की व्यवस्था करने की मांग की।