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‘ बरहज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में नहीं पहुँच पाई है सरकारी सहायता , सिर्फ बयानबाजी हो रही है ‘

बरहज (देवरिया)। बरहज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने आरोप लगाया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को सहायता पहुँचने में शासन-प्रशासन विफल है। अफसर और जनप्रतिनिधि सिर्फ बयान दे रहे हैं।

पंचायत प्रतिनिधि महासंघ के अध्यक्ष बृजेंद्र मणि त्रिपाठी के नेतृत्व में डॉ चतुरानन ओझा, विजय जुआठा, राष्ट्रीय दिव्यांग संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता झाबर पांडे, वेद प्रकाश, बृजेश कुशवाहा, कामरेड अरविंद कुशवाहा, पूर्व प्रधान शंभू नाथ कुशवाहा के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को बरहज के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र- बरहज रगड़गंज, गौरा, तिवारीपुर, जयनगर, मेहियवा, कोटवा का दौरा किया।

प्रतिनिधिमंडल ने देखा कि इतने प्रलयंकारी बाढ़ की चपेट में आए ग्राम वासियों के लिए सरकार द्वारा अभी तक कोई व्यवस्था नहीं की गई है। बरहज टाउन एरिया के रगड़गंज गांव के ग्राम वासियों से वार्ता करते हुए पता चला कि उस गांव में अभी तक किसी प्रकार की सहायता नहीं पहुंचाई गई है। पूरा गांव डूबा हुआ है। अधिकारी सड़कों से दौरा करते हुए चले जाते हैं लेकिन ग्राम वासियों के स्थित का कोई संज्ञान नहीं लेते हैं। देखने में आया कि वर्तमान में बैठकर लेखपाल भी राहत देने वालों के लिए सूची तैयार कर रहे थे। यह भी पता चला कि 40 पैकेट के आस पास सहायता राशि रात तक आने वाली है। पूरे गांव को देने का कोई इंतजाम फिलहाल नहीं है। गांव के लोगों ने कहा कि अगर कोई राहत आती है तो पूरे गांव को मिलनी चाहिए। महिलाओं के शौच की कोई व्यवस्था करने के लिए प्रशासन अभी तक इंतजाम नहीं कर सका है। पशु भूखों मर रहे हैं।

लोगों ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि गांव के सटे गौशाला है ,लेकिन वहां भी खाने की कोई व्यवस्था नहीं है। बृजेंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि अखबारों में सांसद, विधायक और डीएम के फोटो और बयान छप रहे हैं और राहत सामग्री देने की बातें की जा रही हैं लेकिन जमीन पर वास्तव में लोगों को कोई सहायता नहीं मिल रही है। यह बहुत ही और संवेदनहीन और पीड़ादाई स्थिति है ।


डॉक्टर चतुरानन ओझा ने कहा कि इस संकट के दौर में जहां प्रशासन को युद्ध स्तर पर तत्काल लोगों को सहायता देनी चाहिए थी। अभी तक सभी पीड़ितों को किसी तरह की सहायता न पहुंचा पाना और लोगों को उनकी हाल पर छोड़ देना बेहद शर्मनाक और अमानवीय है। मोदी-योगी के फोटो को प्रसारित करने के लिए कुछ जगह पैकेट बांटे जा गये हैं। ऐसा लगता है की पैकेट पर योगी और मोदी के फोटो छपवाने की प्रक्रिया के चलते विलंब हो रहा है। ग्राम वासियों ने बताया कि यहां लोगों के भोजन के साथ ही पशुओं के चारे का भी तुरंत इंतजाम किया जाना चाहिए।

प्रतिनिधिमंडल के लोगों ने कहा कि प्रशासन लोगों पर डंडे बरसाने और जुर्माना वसूलने के लिए जितना मुस्तैद रहता है उसका सौवा हिस्सा भी अगर इस भयानक विपत्ति में लोगों को सहायता देने के लिए सक्रिय हो पाता तो आज सभी लोगों को इतनी भयानक पीड़ा से नहीं गुजरना पड़ता। लोगों को सहायता देने में बहुत अधिक विलंब हो चुका है। अगर तत्काल उनको सहायता नहीं प्रदान की जाती तो हम जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।

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