जनपद

हाजियों का किया इस्तकबाल, लीं दुआएं

गोरखपुर। रविवार को तहरीक दावते इस्लामी हिन्द की ओर से काजी साहब की मस्जिद इस्माईलपुर में करीब 80 हाजियों का फूल माला पहनाकर जोरदार इस्तकबाल किया गया और दुआएं लीं गईं। इस मौके पर जिक्रो नात की महफिल हुई।

मुख्य वक्ता जुबैर अत्तारी ने कहा कि हज अदा करने वाला जैसे ही मक्का शरीफ व मदीना शरीफ के सफर के लिए घर से निकलता है तो उसके हर-हर कदम पर नेकी अता की जाती है। यहां तक कि जो शख्स दौराने हज या रास्ते में मर जाए तो उसे अल्लाह कयामत के दिन हाजी ही उठाएगा। हाजी जब हज अदा करके घर वापस आता है। तो अल्लाह की खास रहमतों से मालामाल होकर आता है।

हाजी बारगाहे इलाही से मुकर्रब बंदा बनकर वापस आता है। हाजी की दुआ अल्लाह की बारगाह में कुबूल होती है। कयामत के दिन जब लोग परेशानी के आलम में होंगे तो अल्लाह की अता से हाजी अपने घर वालों की बख्शिश करवाएगा।

विशिष्ट वक्ता अबू तलहा अत्तारी ने कहा कि पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि हज-ए-मबरूर करने वाला ऐसा होता है मानो आज ही मां के पेट से पैदा हुआ हो। उसके सभी गुनाह माफ हो जाते है। हाजी से दुआएं जरूर लेनी चाहिए।

कुरआन-ए-पाक की तिलावत फरहान अत्तारी ने की। नात-ए-पाक आदिल अत्तारी ने पेश की। हाजियों को तोहफे में दीनी किताब दी गई। अंत में सलातो सलाम पढ़कर दुआ मांगी गई।

इस मौके पर हाजी आज़म अत्तारी, हाजी शहाबुद्दीन अत्तारी, अब्दुल करीम अत्तारी, सलीम अत्तारी, फैज़ान अत्तारी, अहमद अत्तारी, फिरोजुल हक, मो. फुरकान, महताब अत्तारी, शम्स आलम अत्तारी, मो. फैज अली, मो. जाहिद अली, हाफिज अशरफ, अख्तर रज़ा अत्तारी, रिज़वान अत्तारी, तौफीक अत्तारी, मो. वारिस, हाजी कलाम कुरैशी, मो. तारिक, रियाज कुरैशी, शहजाद अत्तारी, नादिर अत्तारी, नफीस अत्तारी सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

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