स्वास्थ्य

स्वास्थ्य विभाग ने उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के लिए जारी किया गाइड लाइन

महराजगंज. स्वास्थ्य विभाग अब उच्च जोखिम वाली गर्भवती ( एचआरपी) महिलाओं की सेहत का विशेष ख्याल रखेगा। इसके साथ ही उन्हें विशेष सुविधाएं भी उपलब्ध कराएगा। इसके लिए शासन स्तर से गाइड लाइन जारी हुयी है।

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी/ अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि गर्भवती महिलाओं में से करीब 15 प्रतिशत महिलाओं में जटिलता की संभावना होती है, जिसकी वजह से मातृ-मृत्यु की संभावना भी अधिक होती है। ऐसे में उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं के चिन्हीकरण, उपचार एवं फाँलोअप को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा एनएचएम के मिशन निदेशक स्तर से जारी निर्देश में कहा गया है कि सभी एएनएम उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं के मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड( एमसीपी) पर लाल रंग की मुहर लगाना सुनिश्चित करेंगी। मुहर का नमूना राज्य स्तर से तैयार कर जनपदों में साझा किया जाएगा ताकि सभी जिलों में मुहर में एकरूपता रहे।

उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का प्रसव सरकारी जिला अस्पताल तथा सक्रिय एफआरयू में कराया जाना सुनिश्चित हो, इसके लिए 102 व 108 एंबुलेंस की सेवा ली जाए।

डॉ॰ प्रसाद ने बताया कि जैसे ही एंबुलेंस के लिए किसी गर्भवती महिला से जुड़ी काल आए तो ट्रांसपोर्ट वेंडर काल प्राप्तकर्ता गर्भवती महिला से एमसीपी कार्ड पर लाल रंग की मुहर होने के बारे में पूछेगा।

अगर महिला कार्ड पर लाल रंग की मुहर होने के बारे में बताती है तो ट्रांसपोर्ट वेंडर तत्काल एंबुलेंस/ पैरा मेडिकल स्टाफ को कहेगा कि महिला को सीधे नजदीकी जिला अस्पताल/ सक्रिय एफआरयू ( जहाँ खून ट्रांसफ्यूजन की सुविधा हो) पहुंचाएगा।

इसके लिए जिला अस्पताल/ सक्रिय एफआरयू सेंटर पर नोडल अधिकारी भी नामित किए जाएंगे। इन नोडल अधिकारियों के नाम, पद नाम एवं मोबाइल नंबर को एंबुलेंस चालक व पैरा मेडिकल स्टाफ को भी उपलब्ध कराया जाएगा। ताकि उच्च जोखिम गर्भवती के अस्पताल पहुंचने के पहले नोडल अधिकारी को सूचित किया जा सके और उसे उचित इलाज मिल सके।

पंजीकृत हैं 1878 एचआरपी महिलाएं

जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज सिंह ने बताया – कि अप्रैल 2019 से अक्तूबर तक जिले में कुल 48561 गर्भवती पंजीकृत हैं, जिसमें से 1878 उच्च जोखिम वाली गर्भवती हैं।

उच्च जोखिम गर्भवती की पहचान
– शरीर में सूजन होना
-वजन कम होना
-रक्तचाप का घटना – बढ़ना
-पेशाब में प्रोटीन और सुगर होना
-लंबाई कम होना अर्थात बौनापन होना
-हीमोग्लोबिन सात ग्राम से कम होना
क्या है निदान

-आयरन की गोली का सेवन करना चाहिए
– 24 घंटे में तीन बार भोजन करना
-कैल्शियम की गोली का सेवन करना
-हरी सब्जियों व फल का सेवन करना
-टीकाकरण करवाना
-प्रसव के पहले चार जांच अवश्य कराना चाहिए

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