गोरखपुर। उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्री पी एच डी शोधार्थियों पर दर्ज आपराधिक मुकदमों में 17 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए एक हफ्ते में विश्वविद्यालय को अपना पक्ष रखने को कहा है।
प्री पी एच डी शोधार्थियों के लंबे आंदोलन के बाद 7 जनवरी 2022 को 45 नंबर की बजाय 65 नंबर का प्रीपीएचडी पेपर कराया गया जिससे शोधार्थियों ने बहिष्कार किया। कुछ शोधर्थियों पर कापी फाड़ने का आरोप लगते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 17 शोधार्थियों और अन्य पर एफ आई आर दर्ज करवाई थी।
शोधार्थी कमलकांत राव, कृतिका सिंह, राधा विश्वकर्मा , सुधीर मद्धेशिया और राम भरोसा तिवारी ने मुकदमे को हाई कोर्ट में चुनौती दी। इस रिट पर आज हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक शोधार्थियों की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी। अगली सुनवाई 17 फरवरी की होगी। हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता शोधार्थी हैं और उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।