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पेट्रोल पंपों, आयकर,बिजली बिल और सरकारी देय मे खूब खप रहे 1000-500₹ के नोट

-1000-500₹ का लेन-देन जारी,आम जन परेशान
 -पेट्रोल पंप मालिकों से संपर्क साधने मे जुटे काले कुबेर
-कई बैंको पर दोपहर मे ही नकदी खत्म,मारा-मारी                           

विनोद शाही

गोरखपुर, 13 नवम्बर। मोदी सरकार की ₹1000-500की नोटबंदी के फैसले के चलते अब आमजन खासा परेशान दिख रहा है। बैंको मे लम्बी लाईन और दिनभर की मेहनत के बाद वह चार या दो हजार रूपया ही निकाल पा रहा है। हालात यही रहे तो आने वाले दिनों में भारी मुश्किल हो सकती है।

दूसरी ओर ‘कुबेर’ तबका है जिसकी लाल व हरी नोट खत्म ही नही हो रही है। बैंको मे 1000-500₹ के नोटों का अंबार लगा है। काले कुबेर इसके इतर खेल मे भी जुटे हैं। अब ये लोग पेट्रोल पंप मालिकों को लाईन मे ले रहे हैं। चूंकि सरकार ने पेट्रोल पंपो को 1000-500₹ के नोट स्वीकार करने की छूट दे रखी है इसलिए वहां काला धन खपाने की गुंजाईश तलाशी जा रही है। सूत्रों की मानें तो कई सौदे पक्का हो चुके हैं। यहां 15 से 20% पर सौदा हो रहा है। नोट खपाने के दूसरे तरीकों पर भी काम हो रहा है। मसलन बिजली का दो-दो वर्ष का एडवांस बिल जमा किया जा रहा है।  यही हाल आयकर का भी है। वहां लाखों रूपया एडवांस टैक्स जमा हो रहा है। मजे की बात यह कि यह सारा भुगतान 1000-500₹ के नोटों से नकद मे किया जा रहा है। बड़े अमाउंट मे भी चेक से भुगतान न होना काले धन को पचाने समान ही है। अन्य सरकारी देयों मे भी धड़ल्ले से 1000-500₹ के नोट जमा हो रहे हैं।इससे सरकारी महकमा भी मस्त है,यहां बैठे-बिठाये ही करोड़ो जमा हो रहा है, तो दूसरी ओर काले धन वाले भी खुश कि चलो कुछ तो खपा।
बाजार मे 1000-500₹ के पुराने नोटों को गिनने के लिए शहर कई बैंको को जहां नई मशीने मंगानी पड़ी हैं वहीं नए नोटो की भारी कमी है। हालत यह है कि शहर के कई बैंको मे दोपहर मे ही कैश खत्म हो गया। निराश भीड़ दूसरे बैंक की लाईन मे लगने को मजबूर हुई। इससे भारी गुस्सा और सरकार के फैसले पर नुक्ताचीनी भी सुनी गयी।

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