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जिले के चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर मनाया गया अन्नप्राशन दिवस और बाल सुपोषण उत्सव

गोरखपुर. पोषण माह के दौरान शुक्रवार को जिले के करीब चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर अन्नप्राशन दिवस और बाल सुपोषण उत्सव मनाया गया। आयोजन में अभिभावक अपने छह महीने से लेकर छह साल तक के बच्चों के साथ पहुंचे। छह माह के बच्चों को पूरक आहार दिया गया जबकि बड़े बच्चों को उनके घर से बना कर लाया गया भोजन सामूहिक रूप से कराया गया।

शहर के शिवपुर सहबाजगंज में तीन आंगनबाड़ी केंद्रों ने सामूहिक आयोजन किया जहां ढोलक की थाप और सोहर के बीच छोटे बच्चों को पूरक आहार दिया गया। आयोजन के जरिए अभिभावकों को संदेश दिया गया कि बच्चों को छह महीने तक सिर्फ स्तनपान कराया जाना चाहिए और फिर स्तनपान के साथ पूरक आहार देना चाहिए।

शिवपुर सहबाजगंज स्थित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शहरी बाल विकास परियोजना अधिकारी प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने अभिभावकों से कहा कि पूरक आहार के रूप में केला, अंडा, गाढ़ी दाल जैसी घरेलू चीजें दी जानी चाहिए। बाहरी खाद्य पदार्थों का सेवन कर बच्चे का पेट तो भर जाता है लेकिन पोषण नहीं मिलता। उन्होंने बताया कि 6 से 8 माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ लगभग 250 मिलीलीटर की आधी कटोरी दो बार अर्धठोस भोजन के साथ दो बार पौष्टिक नाश्ता देना चाहिए।

9 से 11 माह के बच्चों को स्तनपान के साथ 250 मिलीलीटर की 2/3 कटोरी तीन बार अर्धठोस भोजन के साथ दो बार पौष्टिक नाश्ता देना चाहिए। 12 से 24 माह तक के बच्चों को स्तनपान के साथ 250 मिलीलीटर की एक कटोरी तीन बार अर्धठोस भोजन एवं तीन बार पौष्टिक नाश्ता भी देना चाहिए।

क्षेत्र की मुख्य सेविका मोहित सक्सेना ने बताया कि 100 से अधिक लाभार्थी कार्यक्रम में शामिल हुए जिन्हें आहार विविधता, पोषकता व साफ-सफाई के बारे में जानकारी दी गयी। अन्नप्राशन संस्कार का हिस्सा बने सत्यम की मां कुंती, सैल्वी की मां सीमा, सविता की मां माही, ऋषभ और ऋतिका की मां और वैष्णवी की मां बबली ने बताया कि उन्हें पहली बार ऐसे आयोजन में शामिल होने का मौका मिला है। वह अपने बच्चों को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार अवश्य देंगी।

कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद सरोज सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रागिनी, सरिता, मंजू, सुमन, शीला, कंचन, शशिबाला, आभा, सीमा, शक्ति प्रसाद, विजय कुमार और चौथी प्रसाद प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

हजारों बच्चों ने किया प्रतिभाग

जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह कहा कि पोषण माह के दौरान यह सप्ताह बाल पोषण सप्ताह के तौर पर मनाया जा रहा है। शुक्रवार का आयोजन पूरे जनपद में हुआ। चरगांवा, बांसगांव, गोला, खजनी समेत जनपद के 19 ब्लाकों पर हुए आयोजन में लाखों बच्चों ने अभिभावकों के साथ प्रतिभाग किया। इस साल पोषण माह का थीम भी ऊपरी आहार है। अन्नप्राशन दिवस ऊपरी आहार की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है जबकि बाल सुपोषण उत्सव का उद्देश्य पोषकता की जानकारी देना है।

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