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पूर्व आईजी दारापुरी, पत्रकार रामू सिद्धार्थ, दलित नेता श्रवण निराला की गिरफ्तारी गैरकानूनी -रिहाई मंच

लखनऊ। रिहाई मंच ने पूर्व आईजी एसआर दारापुरी, पत्रकार रामू सिद्धार्थ , दलित नेता श्रवण कुमार निराला की गिरफ्तारी को गैर-कानूनी बताते हुए तत्काल रिहाई की मांग की है। रिहाई मंच ने अंबेडकर जन मोर्चा के नेताओं की गिरफ्तारी को योगी सरकार का दलित विरोधी कृत्य करार देते हुए जन आंदोलन को कुचलने साजिश बताया है।

रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि दलित, पिछड़ा, मुस्लिम और वंचित समाज के भूमिहीनों के लिए एक-एक एकड़ भूमि की मांग करना योगी राज में अपराध हो गया है।अपराध तो यह है कि आज तक यह क्यों भूमिहीन थे। सरकार इसका जवाब दे। अंबेडकर जनमोर्चा द्वारा कमिश्नर कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन के बाद अफसरों के देर तक न आने का कारण मांग करने वाले वंचित समाज के लोगों को रुकना पड़ा. कमिश्नर द्वारा ज्ञापन लेने में देरी की वजह से दूर-दराज से आई महिलाओं को परेशानी हुई. इस दलित महिला विरोधी कृत्य के लिए अधिकारियों पर एफआईआर होना चहिए था. गोरखपुर में योगी राज में दलितों पर यह एफआईआर साबित करता है कि सरकार दलित विरोधी है. जिस भूमिहीन समाज का जीवन बाधित किया जा रहा है, वह समाज जब अपने अधिकारों की मांग करता है तो सरकार उसे सरकारी काम में बाधा बताती है. इतना ही नहीं ऐसी मांगो में शामिल लोगों पर हत्या के प्रयास की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाता है।