स्वास्थ्य

सावधान ! चिकन पॉक्स के लिए सबसे अनुकूल होता है यह मौसम

देवरिया। गर्मी ने दस्तक दे दी है, चिकन पॉक्स के पनपने का यही सबसे अनुकूल वक्त होता है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपने बच्चों की सेहत का ध्यान सावधानीपूर्वक करने की गुजारिश की है। इसके साथ ही चिकेन पॉक्स से बचाव से सावधान रहने कि सलाह दी है ताकि उन्हें इसकी गिरफ्त में आने से रोका जा सके।

चिकन पॉक्स बीमारी के बारे में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा कि यह एक वायरल संक्रमण व अत्यधिक संक्रामक बीमारी है। यह बीमारी वेरिसला-जोस्टर नामक वायरस के कारण होती है। चिकन पॉक्स मुख्यतः दस साल से कम उम्र के बच्चों में पाए जाने वाला रोग है, पर कई बार यह वयस्कों को भी प्रभावित कर देता है। इस बीमारी के कारण त्वचा पर भिन्न-भिन्न तरह की फुंसी, खुजली, थकान और बुखार होता है। शरीर पर दाने, खुजली, अचानक बुखार आना, पीठ दर्द, सिर दर्द, भूख न लगना, कमजोरी महसूस करना ही इस बीमारी के प्रमुख लक्षण है, जिनकी जानकारी सावधानीपूर्वक रखते हुए बच्चों का ध्यान रखा जाना और भी जरूरी हो जाता है।

उन्होंने बताया कि आमतौर पर इस बीमारी के संपर्क में आने के बाद लगभग 10 से 21 दिन में लक्षण दिखाई देते हैं। बीमारी से निदान के लिए सबसे पहले लक्षणों की पहचान व उसके आधार पर उपचार की कार्रवाई शुरू करना चाहिए।

इससे बचाव के बारे में बताते हुए डॉ आरके श्रीवास्तव ने कहा कि खासकर बच्चों को इससे बचाने कुछ सावधानियों का ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि चिकन पॉक्स के दौरान होने वाली खुजली से राहत पाने के लिए कैलेमाइन लोशन का उपयोग किया जा सकता है। छालों को खरोचने से बचें। दर्द से राहत के लिए दर्दनाशक दवाइयां जैसे कि पैरासिटामॉल ली जा सकती है। एंटीवायरल दवाइयां केवल चिकित्सक के परामर्श पर ही लें। रोगी को अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि चिकन पॉक्स को रोकने का सबसे सुरक्षित उपाय टीकाकरण है। इसका टीका चिकित्सकीय सलाह पर बच्चों को दिया जाता है। पहली खुराक 12 से 15 माह के दौरान तथा दूसरी खुराक 4 से 6 वर्ष की उम्र में दी जाती है। बीमारी के फैलाव को रोकने पीड़ित मरीज को घर या आसपास के बच्चों के संपर्क में आने से बचना चाहिए। सार्वजनिक कार्यक्रमों में जाने से बचें। बैक्टीरियल संक्रमण होने पर समुचित उपचार लिया जाए। ऐसी कोई भी स्थिति उत्पन्न होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता या निकट के स्वास्थ्य केंद्र में तत्काल संपर्क करें।

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