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डेढ़ महीने बाद भी उजाड़े गए विस्थापितों को आवास नहीं दे सका देवरिया जिला प्रशासन, एपवा का धरना 12 वें दिन भी जारी

देवरिया. डीएम आवास के पीछे राघवनगर मुहल्ले से डेढ़ महीने पहले उजाड़े गए गरीब मजदूरों को आज तक प्रशासन उन्हें आवास नहीं दे पाया. प्रशासन ने इन्हें आवास देने का वादा किया था। प्रशासन की वादा खिलाफी के खिलाफ ऐपवा की जिलाध्यक्ष गीता पांडेय की अगुवाई में विस्थापित परिवार एक 12 दिन से कलेक्ट्रेट परिसर में दिन-रात धरना दे रहे हैं। विस्थापितों का धरने के समर्थन में राजबहादुर राय ने 48 घंटे भूख हड़ताल भी किया.

डीएम आवास के पीछे राघवनगर मुहल्ले में पांच दशक से रह रहे 100 गरीब मजदूर परिवारों को प्रशासन ने 19 नवम्बर को बुलडोजर लगाकर उजाड़ दिया था। सुबह पांच बजे भारी पुलिस बल की मौजूदगी में चारो तरफ बैरीकेडिंग कर इस झुग्गी को बुलडोजर लगाकर उजाड़ दिया गया था। इस झुग्गी में ऐपवा का कार्यालय और निर्माण मजदूर यूनियन का दफ्तर भी था, जिसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्यवाही का विरोध करने पर अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन (ऐपवा) की जिलाध्यक्ष गीता पांडेय सहित दो दर्जन गरीबों को हिरासत में ले लिया गया था। ऐपवा नेता गीता पांडेय को 20 घंटे से अधिक समय तक हिरासत में रखने के बाद छोड़ा गया था।

प्रशासन ने उस वक्त आश्वासन दिया था कि उजाड़े गए 95 गरीबों को कांशीराम आवासीय योजना में आवास आवंटित किया जाएगा। इनमें से सिर्फ 27 लोगों को प्रशासन ने वहां भेजा लेकिन वहां आवंटित आवासों में पहले से दूसरे लोग काबिज थे। इसको लेकर वहां रोज विवाद हो रहा है. शेष विस्थापितों को आज तक आवास का कोई प्रबंध प्रशासन ने नहीं किया. इसके बाद प्रशासनिक अधिकारी लगातार आश्वासन देते रहे लेकिन वे विस्थापित परिवारों को न तो आवास दे पाए न बसने के लिए जमीन ही दे पाए।

इससे नाराज विस्थापित परिवारों ने 27 दिसम्बर से कलेक्टेट में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन
शुरू कर दिया। ऐपवा की जिलाध्यक्ष गीता पांडेय इस आंदोलन की अगुवाई कर रही हैं।


उन्होंने कहा कि गरीबों को उजाड़ते समय प्रशासन ने वादा किया था कि वह जल्द ही सभी गरीबों को आवास देगा लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। काशीराम आवास में जिन आवासों को गरीबों को देने की बात कही जा रही है वहां पर पहले से ही लोग रह रहे हैं। प्रशासन ने कई बार कहा कि जल्द से जल्द लोगों को आवास देने की कार्रवाई की जाएगी लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है। उन्हें कहा कि आज आंदोलन के 10 दिन गुजर चुके हैं लेकिन प्रशासनिक अधिकारी कोई कार्रवाई करना तो दूर बातचीत करने से भी बच रहे हैं।

गीता पांडे ने कहा कि भाजपा सरकार अमीरों की सरकार है और उसका गरीबों, मजदूरों से कोई लेना.देना नहीं है। गरीबों, मजदूरों का वोट लेने के बाद यह सरकार उन्हें उजाड़ने का काम करती है। इस ठंड में उजाड़े गए लोग या इधर-उधर किसी तरह से जीवन यापन कर रहे हैं। विस्थापितों के आंदोलन को छात्र संघर्ष समिति के मंडल अध्यक्ष अरविंद गिरी, सामाजिक कार्यकर्ता डा. चतुरानन ओझा आदि ने समर्थन दिया है। धरने पर राजेश, पप्पू , शीला, विमला, गायत्री, रेखा वर्मा, माया, शीला, रानी, सती, लक्ष्मी देवी, पार्वती, चंदन, शोभा आदि बैठ रहे हैं।

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