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इंसेफलाइटिस को लेकर मानवाधिकार आयोग गंभीर, 11 को लखनऊ में अफसरों से करेगा सवाल-जवाब

 सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि ने आयोग को भेजी थी इंसेफेलाइटिस की वर्तमान स्थिति, 2013 से आयोग कर रहा है सुनवाई

गोरखपुर, 8 अगस्त। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इंसेफेलाइटिस से मौतों में कमी न आने और इससे निबटने में कमजोरी दिखाने की शिकायत को गंभीरता से लिया है। आयोग की एक टीम 11 अगस्त को लखनऊ में आकर अफसरों से इंसेफेलाइटिस की वास्तविक स्थिति और सरकार द्वारा किए जा रहे उपायों पर सवाल-जवाब करेगी।

मानवाधिकार आयोग ने यह कदम सामाजिक कार्यकर्ता राजेश मणि द्वारा इंसेफेलाइटिस की वर्तमान स्थिति से अवगत कराए जाने पर उठाया है। श्री मणि ने वर्ष 2013 में इंसेफेलाइटिस से बड़ी संख्या में बच्चों की मौत का मामला मानवाधिकार आयोग के समक्ष उठाया था। तभी से मानवाधिकार आयोग इस मामले की सुनवाई कर रहा है।

मानवाधिकार आयोग ने राजेश मणि को भी अफसरों के साथ होने वाली बैठक में बुलाया है। आयोग ने उनसे इंसेफेलाइटिस के इलाज व रोकथाम के बारे में जमीनी हालात से अवगत कराने को कहा है।

मानव सेवा संस्थान ‘ सेवा ’ के निदेशक राजेश मणि ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मस्तिष्क ज्वर की बीमारी से हो रही मासूमों की मौत का मामला गम्भीरता से लिया है। मैने 2013 से मानवाधिकार आयोग से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। मानवाधिकार आयोग ने वर्ष 2013 में प्रमुख सचिव स्वास्थ एवं स्वास्थ विभाग के डायरेक्टर को वारंट जारी करके मस्तिष्क ज्वर की बीमारी के पहले, बीमारी के दौरान व बीमारी के उपरान्त किये जाने वाले उपाय के संदर्भ में स्वास्थ विभाग से वर्ष 2014 तक कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए निर्देश दिया था। परन्तु अभी तक स्वास्थ विभाग के द्वारा आयोग को योजना प्रस्तुत नही की जा सकी है।

श्री मणि ने कहा कि लखनउ आकर आयोग के तरफ से की जा रही कार्यवाही स्वागत योग्य है। अब इस बात पर चर्चा होनी ही चाहिए की  आखिर क्या कारण है कि जितने ही उपाय हो रहे है उतने ही तेजी से बीमारी गम्भीर होती जा रही है। लगातार बच्चों की मौत इसका प्रमाण है।
निदेशक राजेश मणि ने कहाॅ कि पिछले 40 साल से मस्तिष्क ज्वर (जेई/एईएस) की बीमारी का दंश झेल रहे समुचे पूर्वांचल को इस बीमारी से निजात कब मिल पायेगी इसका कोई समाधान नही दिख रहा है। श्री मणि ने सामाजिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओ व नागरिकों से अपील की कियदि उनके संज्ञान में इंसेफेलाइटिस से सम्बन्धित कोई मामला है तो वे उसे उनके ईमेल आईडी sevaes@gmail.com या 9838070412 पर वाट्सएप कर सकते है जिससे की मानवाधिकार आयोग के समक्ष उसे प्रस्तुत किया जा सकें।

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