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एक बार फिर शुरू हुई अनुदानित मदरसों की जांच

गोरखपुर। उप्र सरकार ने अनुदानित मदरसों की फिर जांच शुरू की है। गोरखपुर में मदरसा अंजुमन इस्लामिया खूनीपुर, मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया इमामबाड़ा दीवान बाजार, मदरसा जियाउल उलूम पुराना गोरखपुर गोरखनाथ, मदरसा मेराजुल उलूम चिलमापुर आदि की जांच की जा चुकी है। गोरखपुर में केवल दस अनुदानित मदरसे हैं।

उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अनुदानित मदरसों की जांच के लिए कमेटी गठित की है। विभाग ने दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। मदरसा शिक्षा परिषद की रजिस्ट्रार डॉक्टर प्रियंका अवस्थी ने अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक जे रीभा को पत्र भेजकर यूपी मदरसा मान्यता प्रशासन और सेवा विनिमावली 2016 के तहत मदरसों के मानकों की जांच करने की सिफारिश की है। अनुदानित मदरसे की जांच जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और जिलाधिकारी द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी कर रहे हैं। वहीं जिन जिलों में अनुदानित मदरसों की संख्या 20 से अधिक है वहां संबंधित मंडल के अल्पसंख्यक कल्याण उपनिदेशक और जिलाधिकारी द्वारा नामित खंड शिक्षा अधिकारी जांच कर रहे हैं।

 

यह कमेटी मदरसों में शिक्षकों और कर्मचारियों के शैक्षिक अभिलेख, मूलभूत सुविधाएं और भवन की जांच कर रही है। इसमें यह भी जांच की जा रही है कि बच्चों को मानकों के अनुरूप शिक्षा दी जा रही है या नहीं, वहीं बच्चों को वैज्ञानिक और आधुनिक शिक्षा का भी स्तर मापा जा रहा है साथ ही कुल स्वीकृत पदों की संख्या, कार्यरत लोग, कक्षाओं की संख्या और क्या वह मानकों के अनुसार रूप है या नहीं, शिक्षकों के अनुरूप छात्रों का अनुपात और एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पढ़ाए जाने की स्थिति की भी जांच हो रही है।

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में से 59 जिलों में कुल 560 अनुदानित मदरसे हैं। जानकारी के मुताबिक विभाग इन मदरसों की जांच 30 दिसंबर तक पूरी कर लेगा।

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