आठ महीनों में जेई/एईएस से यूपी में 14 और बिहार में 18 लोगों की मौत

गोरखपुर। इंसेफेलाइटिस ( एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोमऔर जापानी इंसेफेलाइटिस )से अगस्त 2020 तक उत्तर प्रदेश में कुल 14 मौतें हुई हैं। इसमें एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से 12 लोगों की मौत हुई है जबकि जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई ) से दो लोगों की मौत हुई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले तीन वर्षों में इंसेफेलाइटिस के केस और मौतों में कमी आयी है।

नेशनल वेक्टर बार्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) द्वारा जारी के आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने तक देश के 21 राज्यों में एईएस के 3119 केस रिपोर्ट हुए जिसमें 140 व्यक्तियों की मौत हो गयी। इस अवधि में जेई के 522 केस सामने आए और इस बीमारी से 55 व्यक्तियों की मौत हुई।

इन आंकड़ों के मुताबिक एईएस और जेई से सबसे अधिक प्रभावित राज्य असोम है। असोम में एईएस के 539 केस और 91 मृत्यु रिपोर्ट हुई है। इस राज्य में जापानी इंसेफेलाइटिस के 314 केस सामने आए जिसमें 48 लोगों की मौत हो गयी।

इंसेफेलाइटिस से इस वर्ष बिहार में 18 व्यक्तियों की मौत हुई है। इसमें 17 एईएस से जबकि एक जेई से हुई है। बिहार में अगस्त महीने के अंत तक एईएस के 123 और जेई के चार केस रिपोर्ट हुए हैं।

बिहार में एईएस जेई से 2014 में 357, 2018 में 102, 2016 में 127, 2017 में 65, 2018 44 और 109 मौतें हुईं थीं।

उत्तर प्रदेश में असोम के बाद सबसे अधिक एईएस के केस रिपोर्ट हुए हैं हालांकि इससे हुई मौतों की संख्या कम है। यूपी में अगस्त महीने तक एईएस के 492 और जेई के 26 केस रिपोर्ट हुए हैं। इस अवधि में एईएस से 12 और जेई से दो लोगों की मौत हुई है।

यूपी में एईएस जेई से 2014 में 661, 2015 में 521, 2016 में 694, 2017 में 747, 2018 में 255 और 2019 में 147 मौतें हुई थीं।

इंसेफेलाइटिस से सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में से एक पश्चिम बंगाल में जेई/एईएस से 16 व्यक्तियों की मौत हुई है। इस राज्य में एईएस के 450 और जेई के नौ केस रिपोर्ट हुए हैं।

तमिलनाडू, ओडीसा और झारखंड में एईएस और जेई के काफी केस सामने आए हैं लेकिन इन राज्यों में इंसेफेलाइटिस से किसी की मौत नहीं हुई है।

एनवीबीडीसीपी के आंकड़ों के अनुसार तमिलनाडू में एईस के 400 और जेई के 66 केस रिपोर्ट हुए लेकिन इस बीमारी से किसी की मौत नहीं हुई। ओडीसा में एईएस के 290 और जेई के आठ केस सामने आए। झारखंड में एईएस के 279 और जेई के 14 केस रिपोर्ट हुए हैं। दोनों राज्यों में इन दोनों बीमारियों से किसी की मौत नहीं हुई है।