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नगर विधायक की गली से जलजमाव को खत्म करने की योजना के लिए नगर निगम के पास 50 लाख रुपये नहीं

गोरखपुर। गोरखपुर। गोरखपुर के विभिन्न मुहल्लों में जलभराव की स्थिति कितनी विकट है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल व हिन्दू युवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री पीके मल्ल के घर की गली में ही भारी जलजमाव है और नगर निगम असहाय बना हुआ है। जलभराव से परेशान नगर विधायक डा. अग्रवाल ने आज नगर निगम को चेतावनी दी कि वे पानी में धरना देंगे तब नगर निगम के मुख्य इंजीनियर वहां पहुंचे।

नगर विधायक ने एक वर्ष पहले जलजमाव से निजात के लिए 50 लाख की योजना नगर निगम को दी थी लेकिन नगर निगम ने यह धन नहीं दिया। अब नगर निगम कह रहा है कि उसके पास इस योजना के लिए बजट नहीं है।

नगर विधायक का घर दाउदपुर मुहल्ले में है। दो दिन से हुई बारिश से इस मुहल्ले में भारी जलजमाव हो गया है। हर बारिश के बाद यहाँ यही हाल होता है।  नगर विधायक के मकान से 25 मीटर आगे और हिन्दू यूवा वाहिनी के प्रदेश महामंत्री पीके मल्ल के आवास से 250 मीटर तक हर बारिश के बाद पानी लग जाता है और रास्ता बन्द हो जाता है।

विधायक डॉ अग्रवाल के मुताबिक उनके निर्देश पर नगर आयुक्त ने पिछले साल रु 50 लाख की योजना तैयार की थी लेकिन नगर प्रमुख ने योजना की स्वीकृति नहीं दी।

जलजमाव से आजिज नगर विधायक आज गंदे पानी में घुस गये और नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह को चेतावनी दी कि नगर निगम ने अब समाधान नहीं करेगा तो वे उसी पानी में बैठकर धरना देंगे। अब जितना बड़ा मुद्दा बनना हो बने।

उन्होंने जलजमाव का एक वीडियो बनाकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, दोनों उप-मुख्यमंत्रियों तथा नगर विकास मंत्री गोपाल टंडन को ट्वीट भी कर दिया और लिखा “हम बोलेंगे तो बोलोगे कि बोलता है “। इसके बाद उन्होंने नगर आयुक्त को पानी में ही बैठने का निर्णय सुना दिया।

नगर आयुक्त ने नगर प्रमुख सीताराम जायसवाल को सारी बातें बताई और कहा कि पिछले साल ही इसके लिए एस्टीमेट बना था लेकिन पैसा अवमुक्त नहीं किया गया। इससे नगर विधायक बहुत कुपित हैं।

फिर नगर विधायक की महापौर से वार्ता हुई। नगर विधायक ने कहा कि आप प्रेस वार्ता करते हैं कि आपने रु 286 करोड़ का काम कराया और आप उसमें से दो साल 50 लाख रुपये दाऊदपुर के जलजमाव के समाधान के लिए नहीं दे सके? इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता है। अब हम इसी पानी में लेटेगे और अब जितना मामला बढना हो बढे़, नगर निगम की यह गैरजिम्मेदाराना हरकत अब वे और अधिक स्वीकार नहीं करेंगे।

महापौर सीताराम जायसवाल ने नगर विधायक को आश्वस्त किया कि किसी भी हालत में नगर निगम की बैठक में इस योजना को स्वीकृति दिलाकर दाऊदपुर की स्थाई जलजमाव का चिरस्थाई समाधान करा दिया जायेगा।

इसके बाद नगर निगम के मुख्य अभियंता सुरेश चन्द्रा विभागीय अधिकारियों के साथ मौके पर पंहुचे और उन्होंने नगर विधायक को बताया कि नगर निगम के पास एक रुपया नहीं है। अवस्थापना निधि में तीन साल से पैसा आया ही नहीं। 15 वित्त आयोग में 20.5 करोड़ आया और विभिन्न कार्यों में खर्च हो गया, विकास मे लग ही नहीं पाया, राज्य वित्त का पैसा वेतन/पेंशन मे चला जाता है। महापौर तथा नगर आयुक्त के निर्णय से उन्हें अवगत कराते हुए पानी से निकलने का आग्रह किया।