कुशीनगर में नारायणी नदी खतरे के निशान से ऊपर, आठ गांवों में बाढ़

ग्रामीणों का पलायन शुरु, बचाव में उतरी एसडीआरएफ

कुशीनगर. कुशीनगर जिले में नारायणी नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। मंगलवार को नदी में 4.21 लाख क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज था जो शाम तक पांच लाख क्यूसेक पार कर जाने का अंदेशा है। नदी खतरे के निशान 96 मीटर से 8 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। नदी के बाढ़ से नदी किनारे बसे आठ गांवों में पानी भर गया है। इन गांवों से  ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम को स्टीमर व नाव के साथ तैनात किया गया है।

बड़ी गंडक नदी के जल ग्रहण क्षेत्र नैपाल की पहाड़ियों पर भारी वर्षा के चलते नदी में बाढ़ की स्थिति बहुत खराब हो गई है। छितौनी बाॅध के भैसहा में खतरे की निशान 96 मीटर से ऊपर नदी बह रही है ।जिसके चलते रेता क्षेत्र की ग्राम शिवपुर,मरीचहवा, हरिहर पुर,नरायनपुर, शाहपुर,महादेव, वकुलादह सहित कई टोलो में तीन से चार फुट तक पानी लगा हुआ है।

जलस्तर लगातार बढ़ता देख कर प्रशासन ने ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा है। मंगलवार सुबह एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई। टीम ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाना शुरू कर दिया।

एडीएम विंध्यवासिनी राय ने बताया कि जिला प्रशासन स्थिति पर निगाह रखे हुए है। किसी भी प्रकार की जनधन की हानि नही होने दी जाएगी।