लोकसभा चुनाव 2019

सिद्धार्थनगर जन घोषणा पत्र में चीनी मिल, इंजीनियरिंग कालेज और महिला महाविद्यालय की मांग

सिद्धार्थनगर. रिहाई मंच ने 7 मई को भारत-नेपाल सीमावर्ती तराई क्षेत्र में बसे सिद्धार्थनगर जिले का जन घोषणा पत्र जारी किया. जन घोषणा पत्र में हर वर्ष होने बाढ़ से होने वाले नुकसान को कम करे और इसका स्थायी हल निकलने, जिले में चीनी मिल की स्थापना करने, सिद्धार्थनगर में इंजीनियरिंग कालेज और महिला महाविद्यालय की स्थापना करने तथा युवाओं को रोजगार देकर पलायन रोकने की मांग की गई है.

डुमरियागंज में आयोजित एक कार्क्रम में जन घोषणा पत्र जारी किया गया. इस मौके पर ओसामा खान , शाहरुख़ अहमद, क़ाज़ी फरीद , गुलशन सोनी , राजू विश्वकर्मा, अहमद फरीद अब्बासी ,तौसीफ फ़ारूक़ी , राज कुमार, अजीम, इमरान सिद्दीक़ी, अब्दुल मारूफ , मुन्ना फ़ारूक़ी , सुजीत कन्नौजिया , शाकिब अहमद , तनवीर ,तालिब फ़ारूक़ी, मो. कमर, मो सलमान , इस्तेक़ामत फ़ारूक़ी, फुरकान, जमील खान, आतिफ़ अख्तर, फजलू, अफजाल अहमद , शाहिल आदि उपस्थित रहे.

इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि पंचायती राज्य मंत्रालय ने देश के 250 सबसे पिछड़े जिलों में सिद्धार्थ नगर को शामिल किया है। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर रिहाई मंच, सिद्धार्थ नगर ने जनता की चाहतों और सुझाओं के आधार पर इस जन घोषणा पत्र को तैयार किया है.
जन घोषणा पत्र में शामिल मांग इस प्रकार हैं –
किसानी-
1. इस बाढ़ग्रस्त जनपद में धान की फ़सल अक्सर नुक़सान उठाती है। सरकार उस पर आंसू बहाती है, मुआवज़े की बात करती है और फिर चुप्पी साथ लेती है। किसानों की इस आम शिकायत को हल किया जाए।
2. गेंहू और धान के क्रय केंद्र समय से नहीं खुलते। किसान अपनी फ़सल औने-पौने दाम बेचने को मजबूर होते हैं और इसका लाभ बिचौलिए उठाते हैं। किसानों को इस मजबूरी से मुक्ति मिले और उन्हें अपनी फ़सल का उचित दाम मिले।
3. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में गन्ने की खेती फ़ायदे का सौदा हो सकती है लेकिन जनपद में शुगर मिल नहीं होने के कारण किसान खेती का यह विकल्प नहीं चुन पाते। शुगर मिल की स्थापना की जाए। इससे किसानों को लाभ मिलेगा और रोजगार भी पैदा होगा।
स्वास्थ्य
1. अस्पताल को सुचारू रूप से चलाया जाए, मरीजों के लिए ज़रूरी सुविधा की व्यवस्था की जाए। बंद पड़े अस्पतालों को चालू किया जाए।
2. अस्पताल में डाक्टरों की कमी दूर की जाए, ड्यूटी से गायब रहने वाले सरकारी डाक्टरों पर लगाम लगायी जाए और उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस करने से रोका जाए।
3. सरकारी अस्पतालों में एंटी-रैबिज इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और इस मुफ़्त इंजेक्शन के लिए मरीजों से उगाही पर फ़ौरन कड़ी कार्रवाई की जाए।
4. अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे, मरीजों को सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिले।
शिक्षा
1. प्राइमरी स्कूलों में अध्यापकों की कमी दूर की जाए और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ायी जाए।
2. सिद्धार्थनगर यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर की भर्ती को 200 प्वाइंट रोस्टर के तहत भरा जाए, 13 प्वाइंट रोस्टर वापस लिया जाए और सभी कोर्स को सुचारू रूप से चलाया जाए।
3. सिद्धार्थनगर में इंजीनियरिंग कालेज और महिला महाविद्यालय खोला जाए।
सुरक्षा
1. बेगुनाहों पर फ़र्जी मुकदमे लादने से प्रशासन बाज आए।
2. सभी नागरिकों की सुरक्षा की गारंटी हो।
3. उपद्रवियों के साथ प्रशासन सख्त रवैया अपनाए।
महिला
1. महिलाओं की सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था हो।
2. सरकारी अस्पतालों में महिला डाक्टर की कमी दूर हो।
3. महिलाओं की शिक्षा और रोजग़ार पर विशेष ध्यान दिया जाए।
अन्य
1. पर्याप्त रोज़गार पैदा किया जाए ताकि रोज़गार की तलाश में होनेवाले पलायन पर रोक लगे।
2. इटवा, बढ़नी और शोहरतगढ़ में बस अड्डा बने। पहले से मौजूद बस अड्डों का सुचारू संचालन हो। डुमरियागंज बस अड्डे को शराबियों का अड्डा बनने से रोका जाए।
3. सिद्धार्थनगर जनपद नेपाल बार्डर से जुड़ा हुआ है, इस कारण सीमावर्ती क्षेत्रो में मोबाइल नेटवर्क की समस्या हमेशा बनी रहती है। यह समस्या दूर की जाए।
4. गेहूं की फ़सल में आग लगने की संभावना बहुत रहती है, एक ही दिन कई जगह आग लग जाती है। इसे देखते हुए हर तहसील पर फायर ब्रिगेड गाड़ियों की संख्या बढ़ायी जाए।
5. जनपद में सड़क की व्यवस्था बहुत जर्जर स्थिति में है, बरसात में कई सड़कें पानी में डूब जाती हैं। ऐसी सभी सड़कें दुरूस्त की जाएं।
6. बिजली विभाग में फाल्ट रोकने की मज़बूत व्यवस्था की जाए, लाइन मैन की संख्या बढ़ायी जाए।
7. जनपद के हर विधानसभा क्षेत्र में खेलकूद के लिए स्टेटियम और पार्क बनाया जाए।
8. जिला पंचायत से लेकर  ग्राम पंचायत स्तर पर हो रही बंदरबांट को रोका जाए।

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