रेल पुलों की देखरेख अब ब्रिज मैनेजमेंट सिस्टम से, पूर्वोत्तर रेलवे में हैं 3945 छोटे-बड़े पुल

गोरखपुर। पूर्वोत्तर रेलवे ने पुलों के रख-रखाव के लिये भारतीय रेल स्तर पर विकसित ब्रिज मैनेजमेन्ट सिस्टम (बी.एम.एस.) का प्रयोग प्रारम्भ कर दिया है। बी.एम.एस. एक वेब आधारित पोर्टल है जिसमें रेल पुल से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध होते है। इसमें पुलों के निरीक्षण, माॅनिटरिंग एवं अनुरक्षण में बहुत मदद मिलती है।

बी.एम.एस. में सभी रेल पुलों से संबंधित छोटे से बड़े सभी विवरण एवं आंकड़ा उपलब्ध रहते हंै। जैसे कि पुल के बनने की तारीख, सुपर स्ट्रक्चर की तिथि एवं इसे स्थापित करते समय प्रयुक्त तकनीक एवं सामग्री का विवरण, समय-समय पर हुए सुधार, पुल की वर्तमान स्थिति, विभिन्न निरीक्षणों की तिथि, नक्शा, फोटोग्राफ आदि।

मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि यह पोर्टल रेल पुलों से सम्बन्धित सभी पक्षों का अर्थपूर्ण विष्लेषण एवं जानकारी की उपलब्धता का एक महत्वपूर्ण प्लेटफार्म है। बी.एम.एस. सेन्टर फाॅर रेलवे इनफॉर्मेशन सिस्टम (क्रिस) द्वारा विकसित किया गया है। इसके माध्यम से समस्त रेल पुलों की अद्यतन जानकारी सभी संबंधित अधिकारियों को ऑनलाइन उपलब्ध रहती है जिसमें सुधारात्मक कार्यवाही करने तथा रेल पुलों को संरक्षित रखने में सहायता मिलती है। इस नई तकनीक को अपनाने से तत्काल निर्णय लेने एवं अपेक्षित कार्यवाही करने में रेल प्रशासन पहले की तुलना में अधिक सक्षम हो गया है।

उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे पर कुल 25 महत्वपूर्ण रेल पुल, 383 वृहद पुल तथा 3537 छोटे पुल है। बी.एम.एस. प्रणाली के प्रयोग से पहले हजारों की संख्या में इन पुलों के समस्त आंकड़े एवं विवरण का संकलन मुश्किल होता था। प्रत्येक पुल का अलग रजिस्टर होता था जिसमें सारे विवरणों का उल्लेख मैनुअली किया जाता था। इस कार्य में अधिक समय लगता था। किसी भी रेल पुल की स्थिति का विश्लेषण करने में उससे संबंधित रजिस्टर को बारी-बारी से अनेक अधिकारियांें को भेजना पड़ता था। बी.एम.एस. के लागू हो जाने से इन सभी समस्याओं से निजात मिल गई है तथा प्रभावी निर्णय समय से लेने की दक्षता बढ़ी है।