समाचार

जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करना वक्त की जरुरत

-रेती रोड पर ‘जश्न-ए-गौसुलवरा’ जलसा

गोरखपुर। रेती रोड मदीना मस्जिद के पास 40वां सालाना ‘जश्न-ए-गौसुलवरा’ जलसा मंगलवार को हुआ। उलेमा-ए-किराम ने हजरत सैयदना शेख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की सीरत का विस्तृत वर्णन किया।

जलसे में सालेहपुर (बस्ती) के मौलाना सैयद मो. हमज़ा अशरफ ने बतौर मुख्य अतिथि कहा कि अल्लाह ने मुसलमानों को दीन-ए-इस्लाम के वसूलों पर चलने का हुक्म दिया है। दीन-ए-इस्लाम के वसूल मतलब कुरआन और पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बताये गए रास्ते हैं। पैगंबर-ए-आज़म की पाक जिंदगी इंसानियत के लिए एक बेहतरीन मिसाल है, जिससे पूरी दुनिया एक अच्छी और मिसाली जिन्दगी गुजारने का सबक हासिल करती रही है।

मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने बतौर विशिष्ट अतिथि कहा कि मुसलमानों को मौजूदा हाल से घबराने की जरूरत नहीं है। डटकर मुकाबला करने की जरुरत है। जुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करना वक्त की जरुरत है। अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़ लीजिए। कुरआन में हर तरक्की का रास्ता मौजूद है। कोई भी इंसान पैगंबर-ए-आज़म हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के बताए रास्ते पर चलकर दुनिया और अखिरत की कामयाबी हासिल कर सकता है। हमें कुरआन व हदीस को पढ़ने के बाद उस पर अमल भी करना चाहिए क्योंकि अमल के बगैर इल्म बेकार है।

तिलावत कारी नसीमुल्लाह ने की। नात रईस अनवर ने पेश की। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क व मिल्लत के लिए दुआ की गई। शीरीनी बांटी गई। संचालन अकरम जलालपुरी ने किया। इस मौके पर हाजी अख्तर आलम, अतहर आलम, हाफिज अयाज अहमद, मौलाना अब्दुल्लाह बरकाती, शहनवाज आलम, मेराज आलम, मो. मुअज्जम हुसैन, फैजुल हक, परवेज अहमद खान, नवाबुल हसन, नूर मोहम्मद दानिश, अब्दुल कादिर आदि लोग मौजूद रहे।

Related posts