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मानवाधिकार आयोग पहुंचा छात्र अंकुर हत्याकांड का मामला

गोरखपुर। छात्र अंकुर शुक्ल की दिनदहाड़े पीट-पीट कर हुई हत्या की घटना मानवाधिकार आयोग में पहुंच गया है। बच्चों के अधिकारों पर काम करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता राजेश मणि ने पत्र लिखकर आयोग से इस जघन्य घटना को अवगत कराते हुए इस पर अपने स्तर से कार्यवाही का आग्रह किया है।

रामगढ़ताल थाना क्षेत्र के रामपुर गांव में 22 नवम्बर को 11वीं के छात्र अंकुर की गांव के ही मनबढ़ों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। छात्र को जिस तरह से बेरहमी से पीटा गया था और उसके शरीर में नुकीला राड घोंपा गया था यह देखकर हर कोई सहम गया था। गांव के ही एक व्यक्ति की सूचना पर परिवार के लोगों को इसकी जानकारी हुई थी। बेटे को लेकर घरवाले अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था।

घटना के बाद इसकी जो वजह सामने आई वह और हैरान करने वाली थी। पता चला कि आरोपित पक्ष अंकुर के बड़े भाई को मारने के लिए धमकी दे रहा था। आरोपितों के डर से बड़ा भाई खुद पत्नी के साथ बुद्व बिहार में किराये पर कमरा लेकर रहता था। जबकि पिता महेंद्र शुक्ल अपने दो बच्चों के साथ रामपुर में ही रहते थे। छात्र अंकुर शहर के एक स्कूल में 11वीं में पढ़ता था। पिता के मुताबिक वह पढ़ाई में काफी होनहार था परिवार के लोग उसके जरिए आगे की जिंदगी सुधरने का सपना देख रहे थे। अंकुर के पिता पंडिताई करते हैं जबकि भाई छोटा-मोटा काम करते हैं। लेकिन आरोपितों ने न सिर्फ अंकुर की जान ली बल्कि एक परिवार का सपना भी तोड़ दिया।

नाबालिग बच्चों की संरक्षण के अधिकारों पर काम करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता राजेश मणि ने आयोग को लिखे पत्र में बताया कि स्कूल जाने वाला नाबालिग लड़का जो कि अपने अधिकारों का आनंद लेने के साथ आगे का जीवन जीता और देश का एक गौरवशाली नागरिक बन सकता था। उसके कई अधिकारों का इस घटना से घोर शोषण हुआ है। न सिर्फ उसके जीवन का अधिकार बल्कि शिक्षा और सभी अधिकार का गंभीर शोषण हुआ। इस घटना से उसका परिवार गहरे दुख में है। उन्होंने आयोग से आग्रह किया कि नाबालिग लड़के के इस गंभीर मामले के प्रति अपनी चिंता दिखाएं और मृतक के परिवार के लिए कुछ कल्याण की रूपरेखा तैयार करें क्योंकि उन्होंने इतने दयनीय तरीके से अपने होनहार बेटे को खो दिया है।

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