वसीम रिज़वी के सामाजिक बहिष्कार की अपील

गोरखपुर। नायब काजी मुफ़्ती मोहम्मद अज़हर शम्सी ने मंगलवार को शिया सेंट्रल वक़्फ़ बोर्ड उप्र के सदस्य वसीम रिज़वी को इस्लाम विरोधी गतिविधयों की वजह से काफ़िर व मुरतद करार दिया। उन्होंने मुसलमानों से वसीम रिज़वी का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की है।

इस बाबत फतवा जारी करते हुए उन्होंने कहा कि वसीम रिज़वी ने 11 मार्च 2021 को क़ुरआन-ए-पाक की 26 आयत हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की। खुलफा-ए-राशिदीन, सहाबा किराम व उम्मुल मोमिनीन की शान में गुस्ताखी की। गुस्ताखी का सिलसिला अब भी जारी है। लिहाजा वसीम रिज़वी क़ुरआन-ए-पाक, खुलफा-ए-राशिदीन, सहाबा किराम व उम्मुल मोमिनीन हज़रत आयशा की गुस्ताखी के सबब काफ़िर व मुरतद है। उसका इस्लाम धर्म से कोई ताल्लुक नहीं है। मुसलमान वसीम रिज़वी का सख्ती के साथ सामाजिक बहिष्कार करें। उसे किसी भी इस्लामी तंजीम व तहरीक में शामिल न करें। न ही किसी दीनी तंजीम व तहरीक का सदस्य बनाएं।