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महिलाओं-मजदूरों के आंदोलन को दबाने के लिए मुझे गिरफ्तार किया गया: अरूण कुमार

एक अगस्त को खाद कारखाने पर प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार मजदूर नेता अरूण कुमार पांच दिन बाद जमानत पर रिहा

गोरखपुर। एक अगस्त को फर्टिलाइलर गेट पर प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए फर्टिलाइजर उत्पीड़ित कर्मचारी मंच के संयोजक अरूण कुमार सोमवार को जमानत पर रिहा हो गए। जेल से छूटने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनका अपहरण करने वाले निर्माणाधीन खाद कारखाने के गार्डों को गिरफ्तार करने बजाय उनके खिलाफ झूठे आरोपों में मुकदमा दर्ज किया और जेल भेजा।

अरूण कुमार ने आज प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में कहा कि उनकी गिरफ्तारी खाद कारखाने में स्थानीय मजदूरों को काम नहीं देने, वाजिब मजदूरी नहीं देने और पुराने खाद कारखाने के कर्मचारियों की विधवाओं को पेंशन के मामले को लेकर उनके द्वारा किए जा रहे आंदोलन को दबाने के लिए किया गया।

श्री कुमार ने आंदोलन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पुराने खाद कारखाने के उन कर्मचारियों जिनकी मृत्यु हो गई है, उनकी विधावाओं को पेंशन नहीं मिल रहा है। इसके अलावा पुराने खाद कारखाने को बंद करते समय कर्मचारियों को वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृति ) के बजाय वीएसएस (वालंटरी सेपरेशन स्कीम) के तहत जबरन काम से हटा दिया गया। अदालत ने आदेश दिया है कि  काम से हटाए गए कर्मचारियों को वीआरएस के सभी लाभ दिए जाएं लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा निर्माणाधीन खाद कारखाने में स्थानीय मजदूरों विशेषकर महिलाओं को काम देने के बजाय दूसरे जिले के मजदूरों से काम कराया जा रहा है। जिन मजदूरों से काम कराया जा रहा हैं उन्हें वाजिब पारिश्रमिक भी नहीं दिया जा रहा है।

अरूण कुमार ने कहा कि इन सभी मुद्दों के अलावा उनके संगठन फर्टिलाइजर उत्पीड़ित कर्मचारी मंच की मांग है कि नए खाद कारखाने में उन परिवारों के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर नौकरी दी जाए जिनकी जमीन पर पुराना खाद कारखाना बना था और नया खाद कारखाना भी बन रहा है। इन मांगों को लेकर खाद कारखाने के प्रशासनिक भवन के सामने 21 अक्टूबर 2013 से लगातार धरना चल रहा है।

मंच के संयोजक अरूण कुमार ने बताया कि उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग, जिलाधिकारी गोरखपुर, श्रम कमिश्नर कानपुर, हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के महाप्रबंधक को पत्र भी लिखा था। उनके पत्र पर लेबर कमिश्नर ने 19 सितम्बर को उन्हें और खाद कारखाने के प्रबंधन को द्विपक्षीय वार्ता के लिए बुलाया है।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त मांगों को लेकर मंच ने एक अगस्त को खाद कारखाने के प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शन का आयोजन किया था जिसमें 600 से अधिक महिलाएं शामिल हुईं। अभी प्रदर्शन शुरू ही हुआ था कि खाद कारखाने के सुरक्षा गार्डो ने उन्हें जबरन पकड़ लिया और प्रशासनिक भवन के अंदर लेते गए जहां उनके साथ हाथापाई की गई और धमकी दी गई। इस पर उन्होंने अपने मोबाइल से 100 नम्बर डायल कर मदद मांगी। पुलिस पहुंची तो जरूर लेकिन गार्डों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें ही पकड़ लिया और बाद में उनके खिलाफ धारा 123, 341, 352, 353 के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया। उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ महिला मजदूरों ने गोरखनाथ मंदिर पहुंच कर अपनी शिकायत भी दर्ज करायी।

अरूण कुमार ने कहा कि वह आरटीआई कार्यकर्ता हैं और गोरखपुर लोकसभा व विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ गलत तरीके से दमनात्मक कार्रवाई की है जिसके खिलाफ वह चुप नहीे बैठेंगे और सघर्ष करेंगे। उन्होंने खाद कारखाने के उन गार्डों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग की जिन्होंने उनक अपहरण किया था।

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