जनपद

भैंसहा में चारागाह की सात एकड़ भूमि की नवैयत बदल पट्टा कर दिया

शिकायत के बाद भी नहीं हो रही है कार्रवाई

कसया. भूमाफियाओं पर नकेल कसने के लिये प्रदेश सरकार ने एंटी भू- माफिया करप्सन टीम का गठन किया है. इसका कम भूमाफ़ियाओं के चंगुल से सरकारी जमीनों को खाली कराकर उन्हें जेल भेजना है लेकिन उसका कोई असर नहीं दिख रहा है. कसया थाना क्षेत्र  के भैंसहा में राजस्व विभाग की मिलीभगत से चारागाह की सात एकड़ व सिंचाई विभाग की जमीन की नवैयत बदलकर 9 लोगों के नाम पट्टा कर दिया पर इस समय पक्का निर्माण हो रहा है.

तहसील क्ष्रेत्र का यह गांव राष्ट्रीय राज मार्ग पर है. यह जमीन  राजस्व व व्यावसायिक रूप से काफी महत्व की है. गांव की सीमा में गाटा संख्या 0420, 342, 587, 1672, 2044 घ चारागाह व गाटा संख्या 521 सिचाई विभाग की जमीन है। नियमानुसार इन जमीनों की नवैयत बदली नहीं जा सकती लेकिन लेकिन चारागाह व कृषि विभाग की जमींन की नवैयत अब बदल चुकी है और पैसे लेकर पट्टा कर कब्जा भी दिला दिया गया.

इसके विरोध में ग्रामीण वर्ष 2012 से अधिकारियों से लगातार शिकायत करते आ रहे हैं लेकिन अधिकारियों ने कोई प्रभावी करवाई नहीं की और अरबों रुपये की जमींन का बंदर बांट हो गया.

कसया थाना क्षेत्र के ग्राम धुरिया निवासी मनोज कुमार गोंड ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत 14 नवम्बर 2017 को छह बिंदुओं की सूचना तहसीलदार कसया से मांगी लेकिन उसका जबाब नहीं मिला. श्री  गोंड़ ने चारागाह व सिंचाई विभाग की जमीन पर कब्जे को लेकर 06/07/2018 को जिलाधिकारी कुशीनगर से शिकायत की लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है. उन्होंने अब मुख्यमंत्री को पत्र भेज करवाई की मांग की है.

पत्र में उन्होंने लिखा है कि  चकबन्दी अधिकारियों ने उक्त जमीन को चारागाह और कृषि विभाग के लिए सुरक्षित किया. इस जमीन को गांव के पूर्व ग्राम प्रधान व लेखपाल ने प्रस्ताव पारित कर गांव के 9 लोगों के नाम अंकित कर दिया. इसके विरुद्ध 50 लोगों ने 13 जून 2013 को शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ। आज इस जमीन पर पक्का निर्माण हो रहा है.

 इस सम्बन्ध में उपजिलाधिकारी कसया ने बताया कि इस तरह की जमीन की नवैयत नहीं बदल सकती है और न ही पट्टा हो सकता है. शिकायत मिलने पर पट्टे निरस्त होंगे.

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