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वन अधिकार आंदोलन की बैठक में वनवासियों के दावों के सत्यापन में तेजी लाने की मांग उठी

बहराइच। वन अधिकार आंदोलन बहराइच की मासिक बैठक 10 नवंबर को हुई जिसमें वन अधिकार कानून के क्रियान्वयन की स्थिति पर विचार किया गया और शासन -प्रशासन से वनवासियों के दावों के सत्यापन में तेजी लाने, राजस्व ग्राम में तब्दील हुए वन ग्रामों में खतौनी का वितरण करने की मांग की गई।

बैठक की अध्यक्षता शंकर सिंह ने की। बैठक को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने कहा कि वन अधिकारों के प्राप्तकर्ताओं को कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहकर प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करना चाहिए। परंपरागत वन निवासी होने के नाते उनके पास जो बौद्धिक ज्ञान मौजूद है उसके सहारे वनों के संरक्षण और पुनर्जीवन का जिम्मेदारी निभाना चाहिए । वैसे भी वन अधिकार कानून के मुताबिक वनों की सुरक्षा का दायित्व वन निवासियों के कंधों पर है। इसमें उन्हें अपना लगातार योगदान देना चाहिए।

बैठक में बोलते हुए सुरेंद्र ने कहा कि अभी हमारे वन ग्राम में बहुत से ऐसे परिवार हैं जिन्होंने अपनी वन भूमि पर हकदारी के लिए विभिन्न कारणों से दावेदारी नहीं की है। उन्हें भागीदारी करने का मौका मिलना चाहिए।

भवानीपुर के श्री राधेश्याम ने कहा कि जिन लोगों को दावा परीक्षण के दौरान केवल आवासीय भूमि का अधिकार मिला है उन्हें उनके कब्जे की कृषि भूमि पर भी मालिकाना हक मिलना चाहिए।

टेड़िया निवासी श्रीमती पूनम ने कहा कि राजस्व ग्राम का कोड जरनेट हो जाने से खतौनी मिलने की उम्मीद पैदा हुई है जिसके लिए इतना लंबा संघर्ष झेलना पड़ा है। हम जिलाधिकारी जी से निवेदन करते हैं कि वन ग्रामों में आकर अपने हाथों खतौनी देकर हमारी आजादी का शुभारंभ करें।

महबूब नगर निवासी रामनिवास ने कहा कि जहां एक ओर जिले के समस्त अधिकारी परिवार रजिस्टर प्रतिलिपि जारी करने के लिए अनुरोध किए गए पत्रों का सटीक उत्तर दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर ग्राम पंचायत हसूलिया के सचिव इस मामले में शासन के लिखित आदेश की मांग कर रहे हैं और परिवार रजिस्टर की नकल जारी करने में विलंब कर रहे हैं।

रामपुर रेतिया निवासी जंगली प्रसाद ने वन बस्तियों में वन अधिकार कानून के लागू किए जाने की मांग की और कहा कि वन अधिकार समितियों के गठन होने के बावजूद अभी तक लोगों को समाज कल्याण विभाग की ओर से दावा फार्म उपलब्ध नहीं कराया गया है।

ढकिया निषाद नगर निवासी तीरथ प्रसाद ने प्रशासन पर अतिवृष्टि और बाढ़ राहत के मामले में उनके गांव की अनदेखी करने का मुद्दा उठाया।

बैठक में फागुनी प्रसाद, केशव सिंह, भगवती, रामचंद्र, लक्ष्मीना, कन्छेद सिंह, रामसमुझ मौर्य, लालजी आदि ने अपने विचार रखे। बैठक में भवानीपुर, टेड़िया ,ढकिया ,बिछिया महबूबनगर ,रामपुर रतिया, श्रीराम पुरवा, हनुमानगढ़ी आदि गांव के वन अधिकार आंदोलन से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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