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“ संवाद व जन शिक्षण की अलख जगाएगा किसान मजदूर विचार केंद्र और प्रेमचंद पुस्तकालय  ”

देवरिया। पथरदेवा क्षेत्र के बघडा़ गाँव में चार जून को किसान मजदूर विचार केंद्र व मुंशी प्रेमचंद पुस्तकालय एवं वाचनालय का उदघाटन समारोह आयोजित किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लेखकों, साहित्यकारों, राजनीतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने भागीदारी की। इस मौके पर लोगों ने पुस्तकालय के लिए किताबें भेंट की और इसे ग्रामीण क्षेत्र में संवाद व जन शिक्षण का केंद्र के रूप में विकसित करने पर जोर दिया।

उद्घाटन समारोह में बोलते हुए गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष चितरंजन मिश्र ने कहा कि आज एक जरूरी मांग है कि ग्रामीण अंचलों में पुस्कालय एवं वाचनालय खोले जाएं जिससे किसानों मजदूरों के बच्चों को सरल और सहज रूप में ऐसी सुविधा प्राप्त हो सके। बच्चों को जानबूझकर शिक्षा सम्बंधित संसाधनों से वंचित किया जा रहा है। महंगाई के इस दौर में ग्रामीण अंचल में बच्चों को महंगी और अच्छी किताबें उपलब्ध ना हो पाने से जरूरी पढ़ाई नहीं हो पा रही है जिसके कारण वे माजिक,राजनीतिक और दार्शनिक ज्ञान से वंचित हो जाते हैं।

राज्यसभा के पूर्व सदस्य आस मोहम्मद ने पढ़ाई लिखाई में बढ़ती विषमता की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जितनी तेजी से देश में आर्थिक विषमता बढ़ रही है और आम आदमी को जरूरी संसाधनों से वंचित किया जा रहा है उसी तरह किसानों मजदूरों के बच्चों को शिक्षा से वंचित कर एक चौड़ी खाई पैदा की जा रही है। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधान परिषद सदस्य रामाशीष राय ने किसान मजदूर विचार केंद्र व प्रेमचंद पुस्तकालय की स्थापना को ग्रामीण क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इस तरह के केंद्र एवं पुस्तकालय ग्रामीण इलाके में काफी संख्या में होंने चाहिये। आज भी ग्रामीण इलाके के बच्चों को सामाजिक आर्थिक राजनीतिक दर्शन को समझने के लिये इस पुस्तकालय में अच्छी किताबें उपलब्ध हो सकेंगी।

पूर्व विधायक दीनानाथ कुशवाहा ने पुस्तकालय की स्थापना को इस पिछड़े इलाके के लिए एक सुंदर कदम बताया साथ ही इसके विकास के लिये हर संभव सहयोग की बात कही।

प्रेमचंद पुस्तकालय

जन संस्कृति मंच के महासचिव मनोज कुमार सिंह ने देश में लाइब्रेरी आंदोलन के इतिहास की चर्चा की और कहा कि  कई स्थानों पर नए सिरे से लाइब्रेरी आंदोलन शुरू हुए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में नए पुस्तकालय स्थापित हुए हैं। जन संस्कृति मंच पिछले पांच वर्षों से लाइब्रेरी आंदोलन को गति देने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने पुस्तकालयों को जन सहयोग से संचालित करने पर जोर देते हुए कहा कि फासीवादी ताकतों को सबसे अधिक डर किताबों, पुस्तकालयों और  जन बुद्धिजीवियों से है इसलिए वे लेखकों , सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेल भेज रहे हैं और पुस्तकालयों को नष्ट करवा रहे हैं। ऐसे समय में ग्रामीण क्षेत्र में जन सहयोग से पुस्तकालयों की स्थापना ज्ञान पर जनता के अधिकार की लड़ाई से जुडने के साथ-साथ उन ताकतों को जवाब देना भी है।

पूर्व विधायक मदन गोविंद राव ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जिस तरह से बच्चों को किताबे पढ़ने से रोकने की कोशिश हो रही है उस परिस्थिति में यह एक बड़ा कदम है। यह पुस्तकालय ग्रामीण समाज को पुनः किताबों से जोड़ने का काम करेगा। दिल्ली से आये हुए सुप्रीम कोर्ट के वकील अरुण मांझी ने कहा कि जिस तरह आजकल वैज्ञानिक चेतना पर हमले हो रहे हैं और तर्कहीनता को बढ़ावा दिया जा रहा है,  उस समय में पुस्तकालय वैज्ञानिक चेतना और तर्क आधारित समाज के निर्माण के लिए जरूरी हैं।

फोटो -गोरखपुर न्यूज लाइन

इंडियन काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन के नेता नरेश गुप्ता ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद को थोड़ा बहुत और समझना भी अन्याय के खिलाफ एक शोषणमुक्त समाज बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता सुमन जी ने कहा कि मोबाइल और तकनीकी समय में आज बच्चों पर पढ़ाई का बोझ दबाव और तनाव बढ़ता जा रहा है जिसके उत्तर इस तरह के केंद्र हैं जो आम जीवन और प्रकृति से पुनः उन्हें जोड़ेंगे। लखनऊ से आये वरिष्ठ पत्रकार और दी पब्लिक इंडिया के प्रधान संपादक आनंदवर्धन सिंह ने ग्रामीण अंचल में इस तरह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि डिजिटल दौर में किताबों से जुड़ने का और सही जानकारी के मिलने के महत्व पर प्रकाश डाला।

भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष गोवर्धन गोंड ने कहा कि पुस्तकालय के खुलने से गरीब बच्चों को एक बड़ी सुविधा मुहैया हो जाएगी। जनता दल यू के पूर्व महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने इस प्रयास की सराहना करते हुए सभी जरूरी पुस्तकें उपलब्ध कराने की घोषणा की।

कार्यक्रम में जन संस्कृति मंच के उद्भव मिश्र एडवोकेट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वरुण राय और ऋषिकेश मिश्र, मऊ से आये रामकोमल राय, डॉ चतुरानन ओझा, जनार्दन शाही, गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता डॉ महेंद्र नाथ राय, आई सी टी यू के महासचिव नरेंद्र, नित्यानंद त्रिपाठी, बेचूलाल चौधरी, ऋषिकेश यादव आदि लोगों ने सम्बोधित किया।

फोटो -गोरखपुर न्यूज लाइन

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्विद्यालय के प्रोफेसर एवं सीपीआई एमएल न्यू प्रोलेतेरियन के चेयरमैन शिवमंगल सिद्धांतकर ने कहा कि आज के फ़ासीवादी समय में प्रेमचंद का विचार एक हथियार के रूप में काम आएगा। आज सभी को एकजुट होकर बदलाव के लिए आगे आना होगा। वैचारिक एकजुटता ही एक सुंदर भविष्य का रास्ता बनाएगी।

इस मौके पर किसान मजदूर विचार केंद्र व मुंशी प्रेमचंद पुस्तकालय एवं वाचनालय की ओर से प्रस्ताव पढ़ा गया जिसे ओ पी सिन्हा, मनोज सिंह, डॉ चतुरानन ओझा, जनार्दन शाही, शिवाजी राय और डॉ मंदाकिनी राय की ओर से प्रस्तावित किया गया और जिसका पाठ आशुतोष राय ने किया।

कार्यक्रम में किसान मजदूर विचार केंद्र द्वारा कृषि क्षेत्र में उत्तम कार्य के लिये निर्भय राय, गांवों में बेहतर सामाजिक कार्य के लिए श्रुति राय और हाईस्कूल की परीक्षा में अच्छे अंकों के साथ पास होने वाले आँचल और सैफुद्दीन अंसारी को स्वतंत्रता सेनानी अछयबर राय सम्मान से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के आखिर में युवा कवि धर्मेन्द्र श्रीवास्तव के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए एक मिनट मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम का संयोजक किसान नेता शिवाजी राय ने स्वागत वक्तव्य दिया। कुशल संचालन कवि सरोज पांडेय ने किया। सभा में कहानीकार महेश सिंह, जवाहर भाई, हरेराम राय, हीरानंद राय, डॉ अनिल मिश्र, दीनानाथ भट्ट, डॉ द्वारिका सिंह, रणविजय राय, समाजसेवी संजय राय और अजय शर्मा, कृपा शंकर, राजेन्द्र मिश्र, ज्योति राय, अवधेश राय, हृदयानंद शर्मा, कुशीनगर से आये घनशयाम राय, मऊ से रामचंद्र राय प्रधान आशुतोष, शैलेन्द्र, ब्रिज किशोर राय, संजय सिंह ओमप्रकाश कुशवाहा रचना राय, रेणुका, पवन कुमार, सुरेंद्र तिवारी, मुकेश राय, बालखंडी गोंड, संजय राय, श्याम देव राय, जिला पंचायत सदस्य अजीत सिंह, अनूप कुमार राय, मुन्ना राय आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में डॉ दुर्गेश राय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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