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आपदा से बचाव में लेखपाल होंगे सहभागी

आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए लेखपालों को एनडीआरएफ दे रही प्रशिक्षण
गोरखपुर, आज के दौर में आपातकालीन प्रबंधन प्रक्रिया एक नीतिगत प्रक्रिया न होकर रणनीतिक प्रक्रिया हो गई है और इसके प्रति जागरूक होना ही मुख्य रणनीति और परम हथियार है. इसी रणनीति को मजबूत बनाते हुए आपदा न्यूनीकरण के तहत 11 वाहिनी राष्ट्रीय आपदा मोचक बल क्षेत्रीय प्रत्युत्तर केन्द्र गोरखपुर की विशिष्ट प्रशिक्षित टीम अन्य हितधारकों को भी प्रशिक्षित कर रही है. इसी क्रम में एनडीआरएफ ने ग्राम्य विकास संस्थान चरगाँवा में लेखपालों को प्रशिक्षण दिया गया. जिसमें मास्टर प्रशिक्षक उप निरीक्षक थोराट सुहास पी ने एनडीआरएफ की संरचना एंव कार्यशैलीे व आपदा प्रबंधन के विषय में व्याख्यान दिया. इस दौरान तत्पश्चात् बाढ, भूकम्प जैसी आपदा से बचाव के लिए आपदा से पूर्व, दौरान और बाद में अपनायी जाने वाली सावधानियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी.
उपस्थित प्रतिभागियों को बाढ़ के दौरान जीवन सुरक्षा हेतु स्थानीय संसाधनों से निर्मित रक्षक जैकेट व राफ्ट, दूषित जल को घर पर फिल्टर करने का तरीका, मच्छरोें से बचाव के तरीके, साँप काटने पर किये जाने वाले उपचार तथा भूकम्प, भूस्खलन और आग जैसी आपदाओं में घायल हुए व्यक्तियों को अस्पताल से पूर्व चिकित्सा के बारे में बताया गया और साथ ही इन आपदाओं में प्रयोग किये जाने वाले रेस्कयू तकनीक, फंसे हुए लोगो को निकालने एंव उन्हें प्राथमिक उपचार देने के बारे में बताया . इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में मौजूद विभिन्न विभागों के अधिकारियों को चोट लगने पर प्राथमिक उपचार जैसे ड्रेसिग, बैंडेज, खून का बहाव रोकना, फ्र्रेक्चर को स्थायित्व प्रदान करना, जीवनसाथी सीपीआर का प्रयोगात्मक प्रशिक्षण दिया गया.
इस अवसर पर डा सौरभ पाण्डेय, 35 लेखपाल, व अन्य उपस्थित रहे.

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