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शिक्षा-रोजगार पर युवाओं की लामबंदी मोदी-योगी सरकार पर भारी पड़ेगी-सतीश चन्द्र यादव

नगर निगम पार्क में रोजगार अधिकार सम्मेलन का आयोजन

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश छा़त्र युवा अधिकार मोर्चा द्वारा आज नगर निगम पार्क में आयोजित रोजगार अधिकार सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश का युवा शिक्षा और रोजगार के हक को लेकर जागरूक हो गया है। मोदी-योगी सरकार द्वारा किए गए धोखे और नाइंसाफी के खिलाफ छात्र-युवाओं की यह लामबंदी विधानसभा चुनाव में निर्णायक साबित होने जा रही है।

सम्मेलन को जेएनयू छात्र संघ के महासचिव सतीश चन्द्र यादव, आइसा के राष्टीय कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत, वरिष्ठ कवि देवेन्द्र आर्य, वरिष्ठ समाजवादी नेता राजेश सिंह, पत्रकार मनोज कुमार सिंह , कांग्रेस नेता देवेन्द्र निषाद, भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी ने सम्बोधित किया।

जेएनयू छात्र संघ के महासचिव सतीश चन्द्र यादव ने कहा कि मोदी-योगी सरकार का जनता की भलाई से कोई वास्ता नहीं है। दोनों सरकारें सिर्फ पूंजीपतियों के लिए कार्य कर रही हैं। इस सरकार में आम जनता के लिए रोटी, कपड़ा, मकान की गारंटी नहीं हैं। गरीबों को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया गया है। आज प्रधानमंत्री की सभाओं के लिए रोजवेज की हजारों बसें लगा दी गई हैं लेकिन जब कोरोना में मजदूर मजबूरी में अपने घरों को वापस लौट रहे थे तो उनके लिए रेल-बस सब बंद कर दिया गया था जिससे वे सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर हुए। सरकार द्वारा दिए गया यह दर्द मजदूर भूले नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि मोदी-सरकार ने रोजगार पर किया गया अपना वादा नहीं निभाया। दो करोड़ नौजवानों को हर वर्ष नौकरी देेने का वादा करने वाली मोदी सरकार सरकारी खाली पदों तक को नहीं भर पाई। उन्होंने सरकार की तुलना मकड़ी के जाले से करते हुए कहा कि ये सरकार नौजवानों, किसानों, मजदूरों को जाति-धर्म और जुमले के जाले में फंसा कर उनका खून पी रही है लेकिन अब नौजवान जाग गया है और उसने सूनी सड़कों को अपने आंदोलन की आवाजों से गुंजायमान कर दिया है और उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव में उनकी उठी हुई आवाज सरकार को बहुत भारी पड़ने वाली है।

आइसा के राष्टीय कार्यकारी महासचिव प्रसेनजीत ने कहा कि मोदी सरकार ने किसान कानूनों की तरह हड़बड़ी में और बिना चर्चा-बहस कराए नई शिक्षा नीति को देश पर थोपने का काम किया है। नई शिक्षा नीति में सामाजिक न्याय के सवाल को पूरी तरह गायब कर दिया गया है। नई शिक्षा नीति पूरी तरह से निजीकरण और आनलाइन पढ़ाई पर केन्द्रित है और सरकार ने शिक्षा की जिम्मेदारी से पीछा छुड़ाने का काम किया है। हम अपने संगठन के माध्यम से शिक्षा और रोजगार के मुद्दे पर छात्रों-नौजवानों को गोलबंद करने में लगे हैं और हमारे आंदोलन-अभियान को अच्छा-खासा समर्थन मिला है। उन्होंने नौजवानों से ‘ यूपी मांगे रोजगार आंदोलन ’ के तहत दो दिसम्बर को लखनऊ में आयोजित छात्र-युवा मार्च में बड़ी संख्या में भागीदारी का आह्वान किया।

69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले के विरोध में चल रहे आंदोलन के नेतृत्वकारी टीम में शामिल रामनेवास प्रजापति ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस भर्ती में दलितों और ओबीसी की दस फीसदी सीटों को प्रदेश सरकार ने हड़पने का काम किया है। हमारे आंदोलन पर प्रदेश सरकार ने बार-बार दमन किया है। हम इस महीने के आखिरी सप्ताह में निर्णायक आंदोलन करने जा रहे हैं।

वरिष्ठ कवि देवेन्द्र आर्य ने कहा कि इस समय हम सभी का एक ही नारा होना चाहिए कि सड़क पर उतरो क्योंकि यदि अब भी हम सड़क पर नहीं उतरे तो देश का संविधान और लोकतंत्र नहीं बचेगा। उन्होंने केन्द्र और प्रदेश सरकार को रोजगार लूटने और रोजगार खत्म करने वाली सरकार बताते हुए कहा कि ये सरकार का काम सिर्फ नाम बदलना और अपना प्रचार करना है। इस सरकार और उसके नेताओं ने तो अब आजादी की परिभाषा, तारीख बदलने का भी प्रयास शुरू कर दिया है। बदलो और बेचो सरकार के खिलाफ जिस तरह से किसानों ने आंदोलन किया है और कर रहे हैं, उसी साहस और ताकत से नौजवानों को भी अपना आंदोलन संगठित करना होगा।

वरिष्ठ समाजवादी नेता राजेश सिंह ने कहा पूर्वांचल के पिछड़ेपन की चर्चा करते हुए कहा कि रोजगार के अभाव में यहां के युवा दूसरे प्रांतों और देशों में अपनी योग्यता से काफी कमतर काम करने को मजबूर है। यह स्थिति सरकारों की असफलता दर्शाती है। लोग गरीबी, भूखमरी, बेरोजगारी से आजादी की मांग कर रहे हैं जबकि सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मनाने में मशगूल है। उन्होंने प्रतीकात्मक आंदोलन के बजाय ठोस और संगठित आंदोलन की जरूरत पर बल दिया।

 

पत्रकार मनोज सिंह ने कहा कि मोदी-योगी सरकार देश के नौजवानों, किसानों, मजदूरों के सपनों का मृत्युग्रस्त बनाने की दोषी हैं। युवा भारत आज सबसे ज्यादा बेरोजगारी वाला देश बन गया है। युवा हताशा में आत्महत्या कर रहे हैं। बेरोजगारी के कारण आत्महत्या में 24 फीसदी वृद्धि हुई है लेकिन सरकार इससे बेपरवाह अपने झूठ का डंका बजाने में व्यस्त है।

कांग्रेस नेता देवेन्द्र निषाद ने कहा कि मोदी-योगी सरकार साजिश के तहत आरक्षण खत्म कर दलितों-पिछड़ों को उनके हक से वंचित कर रही है। भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी ने कहा कि अब जब चुनाव नजदीक है, बीजेपी-आरएसएस बुनियादी मुद्दो से ध्यान हटाने के लिए जहरीला प्रचार अभियान चला रहे हैं। इससे हमें सावधान रहना होगा और महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, दलितों -महिलाओं पर बढ़ते दमन-उत्पीड़न के सवाल को केन्द्र में रखने के लिए लगातार प्रयास करना होगा।

सम्मेलन का संचालन कर रहे इंकलाबी नौजवान सभा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने रोजगार अधिकार सम्मेलनों, रोजगार अधिकार यात्रा के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि दो दिसम्बर को छात्र-युवा मार्च लखनऊ  में रोजगार के सवाल पर अपनी आवाज बुलंद करेगा।

 

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