दिल्ली हिंसा के खिलाफ नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन ने प्रदर्शन किया 

गोरखपुर। बुधवार को नौजवान भारत सभा और दिशा छात्र संगठन के संयुक्त तत्वावधान में गोरखपुर विश्वविद्यालय के मेन गेट पर दिल्ली व अलीगढ़ में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ चल रहे शांतिपूर्ण धरने पर अराजक तत्वों के हमले और पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इससे पहले संगठन ने मंगलवार को जाफरा बाजार में भी विरोध प्रदर्शन किया था।

इस मौके पर दिशा छात्र संगठन के राजू ने कहा कि पिछले दो महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के शाहीन बाग़ समेत देश के कई हिस्सों में सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन चल रहा है। सत्ता में बैठी फासिस्ट सरकार शाहीन बाग़ जैसी हर आवाज़ को दबा देना चाहती है। दिल्ली व अलीगढ़ में पिछले दो-तीन दिन से अफरातफरी का माहौल है। भाजपाइयों और संघियों की अगुवाई में अराजक तत्वों ने पूरे दिल्ली में उत्पात मचाया हुआ है। सीएए, एनआरसी व एनपीआर के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों पर हमले हो रहे हैं। पुलिस मूकदर्शक बनकर देख रही है। उचित कार्यवाही नहीं कर रही है। लोगों की वेशभूषा देखकर हमले किए जा रहा है। घरों पर पथराव हो रहा है। आग लगाई जा रही है। घरों में घुसकर तोड़फोड़ और लूट खसोट कर रहे हैं। अब तक एक पुलिस सहित 20 से अधिक आम लोगों की मौत हो गई हैं। चांदबाग़, मुस्तफाबाद, नूर-ए-इलाही, करदमपुरी सहित कई इलाकों में दंगे फसाद हुए। एक तरफ़ दिल्ली जल रही है दूसरी तरफ़ मोदी जी ट्रंप के साथ घूम रहे हैं और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल चुप्पी साधे हुए हैं।

विरोध प्रदर्शन कर रहे युवाओं ने कहा कि मोदी सरकार यही चाहती है कि माहौल तनावपूर्ण बने और इन्हें दमन का मौका मिले। देश में आज जनता की बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करने में सरकार नाकाम साबित हो रही है। पिछले 45 वर्षों में बेरोजगारी दर सबसे ज्यादा है। प्रतिदिन 35 नौजवान बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या करते हैं। एक तरफ अनाज सड़ता है और देश के पचास प्रतिशत बच्चे कुपोषित हैं। शिक्षा, चिकित्सा जैसी बेहद बुनियादी जरूरतें भी आज एक बड़ी आबादी की पहुंच से बाहर हैं। ऐसे में हिन्दू-मुसलमानों के बीच तनाव भड़काकर साम्प्रदायिक तत्त्व असली मुद्दों से जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं। यह बात समझनी पड़ेगी कि सीएए, एनआरसी केवल मुस्लिमों का मुद्दा नहीं है बल्कि ये क़ानून-नीतियां, देश की किसी भी जाति-मज़हब की बहुसंख्यक मेहनतकश जनता के ख़िलाफ़ हैं।

भाजपा-संघ परिवार की कुत्सित बँटवारे की राजनीति का हमें पर्दाफ़ाश करना चाहिए साथ ही अन्य पार्टियों के चाल चेहरा चरित्र को भी समझना चाहिए। आज हमें ज़रूरत है कि अपने इस आन्दोलन में इस मुल्क की गरीब-मेहनतकश अवाम को साथ लें चाहे वो किसी भी जाति-मजहब की हो और पूरे देश में सरकार के काले कानून के ख़िलाफ़ लोगों को एकजुट करें। सभी धर्मों के मेहनतकश लोगों की एकजुटता आज वक़्त की ज़रूरत है। वर्ना आने वाली पीढ़ियां हमें माफ़ नहीं करेंगी।

विरोध प्रदर्शन में मनोरमा, प्रतिभा, अंजली, मुकेश, धीरज, राजकुमार, दीपक आदि शामिल हुए।