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नवोदय विद्यालय : प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद दो छात्रों का प्रवेश नहीं लिया

गोरखपुर। ग्रामीण क्षेत्र में अपनी हैसियत के दायरे में अच्छी शिक्षा पाने की एक उम्मीद जवाहर नवोदय विद्यालय हैं। हर होनहार बच्चे के अभिभावक का सपना होता है कि उनका बच्चा इसमें प्रवेश पा सके। अब यदि कोई बच्चा प्रवेश परीक्षा पास कर लेने बाद भी प्रवेश प्रक्रिया के दौरान अयोग्य घोषित कर दिया जाये या फिर उसका प्रवेश रोक दिया जाये तो अभिभावकों पर क्या गुजरेगी। यह सबकुछ करेक्शन सुधार के नाम पर हो रहा है जबकि प्रवेश परीक्षा का फाइनल रिज़ल्ट घोषित किया जा चुका है।

जवाहर नवोदय प्रवेश परीक्षा 2021 के घोषित रिज़ल्ट में महराजगंज जिले के तीन बच्चों का ऐसा ही मामला है। शिवम प्रकाश (अनुक्रमांक J 2973537) और शिवम चौधरी (अनुक्रमांक L 2972648) को ब्लाक व वर्ग कैटेगरी में करेक्शन को लेकर अयोग्य घोषित किया गया है। वहीं आदर्श (अनुक्रमांक J 2972886) को वर्ग कैटेगरी में करेक्शन को लेकर प्रवेश से रोका गया है।

जिले के बृजमनगंज ब्लाक के रहने वाले शिवम प्रकाश के पिता विजय जायसवाल बताते हैं कि नवोदय प्रवेश परीक्षा की घोषित रिज़ल्ट में जिले के 80 बच्चों की प्रथम लिस्ट में उनके बच्चे शिवम प्रकाश का भी नाम था। प्रवेश के समय बुलाये जाने पर उनसे कहा गया कि उनके द्वारा दर्ज बच्चे का पांचवी क्लास का स्कूल अन्य ब्लाक में स्थित है। इस हेतु उन्हें शपथ पत्र देकर करेक्शन सुधार कराना होगा।

उन्होंने बताया कि प्रवेश और करेक्शन की प्रक्रिया को लेकर एक प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी को और पीएमओ पोर्टल पर भी भेजा। कुछ दिन बाद जब उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय से संपर्क किया तो बताया गया कि यह मामला लखनऊ से तय होगा, वहीं जाकर पता करें। वह बच्चे को लेकर लखनऊ गए लेकिन वहाँ प्रवेश और मेरिट की पूरी प्रक्रिया को नवोदय विद्यालय समिति के हवाले बताकर इंतज़ार करने के लिए कहा गया।

इधर पीएमओ पोर्टल पर दिये प्रार्थना पत्र के जवाब में उन्हें नवोदय विद्यालय समिति के सहायक निदेशक के हवाले से सूचना दी गई है कि जिले में रूरल/ओपेन सीट के हिसाब से प्रतिभागी का चयन उसी ब्लॉक के कट ऑफ मार्क्स से तय होता है। प्रतिभागी चयनित ब्लॉक के अलावा करेक्शन व अन्य ब्लॉक के कट ऑफ मार्क्स से बाहर है।

बाद में उन्हे  जिले के नवोदय विद्यालय से पत्र द्वारा सूचित किया गया कि ब्लॉक करेक्शन न होने के कारण प्रवेश निरस्त कर दिया गया है। इसी तरह जिलाधिकारी को संबोधित एक और पत्र उन्हें मिला जिसमें ब्लॉक करेक्शन को लेकर नवोदय विद्यालय समिति, लखनऊ के पत्रांक के हवाले से बच्चे को प्रवेश के लिये नॉट एलीजबल बताया गया है।

कुल मिलाकर मामला यह बनता है कि बच्चे को उसके होम ब्लॉक बृजमनगंज की कट ऑफ मार्क्स से प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण किया गया। जबकि प्रवेश फॉर्म में दर्ज उसका अध्ययनरत विद्यालय लक्ष्मीपुर ब्लॉक से संबंधित है। इस तरह वह लक्ष्मीपुर ब्लॉक के कट ऑफ मार्क्स में नॉट एलीजबल है।

गौरतलब है कि प्रवेश विवरणिका में अर्बन और रूरल/ओपेन सीट के हिसाब चयन प्रक्रिया की बात है। स्पष्ट रूप से ब्लॉक स्तर पर कट ऑफ मार्क्स की चर्चा नहीं है। विवरणिका में करेक्शन या त्रुटि सुधार की भी बात की गई है।

इस संदर्भ में बेसिक शिक्षा के एक अधिकारी से अनौपचारिक जानकारी लेने पर उन्होंने रूरल और अर्बन क्षेत्र के हिसाब से जिले स्तर पर प्रवेश परीक्षा की बात बताई। ब्लॉक स्तर पर मेरिट की बात को उन्हेंने समझ से परे बताया।

अब भले ही नवोदय समिति की प्रवेश और मेरिट संबंधी अपनी गोपनियता हो, लेकिन रिज़ल्ट घोषित होने के बाद करेक्शन को लेकर प्रतिभागी को अयोग्य करार देना सवाल तो उठाता ही है।

असल तो भूल या गलती सुधार एडमिट कार्ड जारी करने करने के पहले की प्रक्रिया होनी चाहिए। अन्यथा प्रवेश फॉर्म ही निरस्त हो जाना चाहिए। प्रवेश के समय प्रतिभागी को अयोग्य ठहरा देना क्या एक पक्षीय कार्रवाई नहीं है? वह भी तब जब नवोदय प्रवेश परीक्षा में किसी प्रतिभागी को सिर्फ एक बार अवसर प्राप्त होता है।