वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में अब नाइट विजन ड्रोन कैमरे से बाघों की निगरानी

कुशीनगर। वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व में अब नाइट विजन ड्रोन कैमरे से बाघों की निगरानी की जा रही है। जीव वैज्ञानिक मोहम्मद आरिफ सहित दो वन कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण के बाद इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है |

वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व का उत्तरी सिरा नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से और दक्षिणी हिस्सा नारायणी नदी के तट से जुड़ा है।

वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के निदेशक हेमकांत राय का कहना है कि नाइट विजन ड्रोन कैमरा ने निगरानी का कार्य आसान कर दिया है। पिछले दिनों मंगुरहा वन क्षेत्र में एक बाघ का वन क्षेत्र से बाहर निकलने पर ड्रोन कैमरे से की गई निगरानी काफी सफल  रही।

श्री राय ने बताया कि नारायणी नदी में आई भयंकर बाढ़ की बाद ड्रोन कैमरे से मदनपुर वन क्षेत्र जो बाढ में पूरी तरह डूब गया था , की निगरानी की गयी। ड्रोन कैमरे को उडाने, उतारने , चलाने के लिए जीव वैज्ञानिक मोहम्मद आरिफ सहित दो वन कर्मियों को विधिवत प्रशिक्षण के बाद इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है |

इस ड्रोन कैमरे की खरीदारी भुवनेश्वर की एक कंपनी से साढे तीन लाख रुपये में की गई है | इसके लगाए जाने से बाघों के भटकाव एवं उसके कारण हुई जान माल का नुकसान पीड़ितों को देने में कोई विवाद नहीं होगा |

नाइट विजन कैमरे से युक्त यह ड्रोन रिमोट से संचालित होता है | अब वीटीआर प्रशासन किसी समय भटके हुए बाघों को खोज निकालेगा चाहे दिन हो या रात जाड़ा हो या गर्मी इस कैमरे से भटके हुए बाघ हमेशा निगरानी में रहेंगे।

अगले वर्ष की कार्य योजना में और अधिक ड्रोन कैमरा खरीदने की योजना है। बीते दो-तीन वर्षों में वीटीआर क्षेत्र से बाघों तथा गैंडो के भटकाव को लेकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व प्रशासन काफी चिंतित रहा था। अब उसकी मुश्किल थोड़ी आसान हुई है।