गोरखपुर मंडल की तीन चीनी मिलों-गड़ौरा, कप्तानगंज और प्रतापपुर पर 117 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया

गोरखपुर। गोरखपुर मंडल के चार जिलों की आठ चीनी मिलों पर अभी भी 158 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है। इनमें से तीन चीनी मिलों-महराजगंज जिले की जेएचवी गड़ौरा चीनी मिल, कुशीनगर जिले की कप्तानगंज ओर देवरिया जिले के बजाज हिन्दुस्तान ग्रुप की प्रतापपुर चीनी मिल पर ही 117.30 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है।

जेएचवी सुगर मिल ने इस सीजन के 26.16 करोड़ में से एक रुपया भी भुगतान नहीं किया है जबकि देवरिया की प्रतापपुर चीनी मिल ने 42 करोड़ में से सिर्फ 7 करोड़ और कप्तानगंज चीनी मिल ने 89.82 करोड़ में से सिर्फ 33.68 करोड़ का भुगतान किया है।

सुगर केन कंट्रोल आर्डर 1966 में स्पष्ट प्रावधान किया गया है कि चीनी मिलें किसान को गन्ना आपूर्ति के 14 दिन के अंदर भुगतान कर देंगी। यदि वे ऐसा नहीं करती हैं तो उन्हें बकाया गन्ना मूल्य पर 15 प्रतिशत वार्षिक व्याज देना होगा लेकिन सरकार अपने इस नियम का पालन न तो निजी चीनी मिलों से करवा पा रही है न उसकी खुद की चीनी मिलें इसका पालन कर रही हैं। गोरखपुर मंडल की इन 9 चीनी मिलों में से आठ ने पेराई बंद करने के छह महीने बाद भी गन्ना किसानों का भुगतान नहीं दिया गया है। कुशीनगर की ढाढा चीनी मिल ही इकलौती चीनी मिल है जिसने शत-प्रतिशत भुगतान किया है लेकिन इस चीनी मिल ने भी 14 दिन के अंदर भुगतान के कानून का पालन नहीं किया है।

गोरखपुर की एकमात्र पिपराइच चीनी मिल पर अभी भी गन्ना किसानों का करीब पांच करोड़ बकाया है। यह चीनी मिल उत्तर प्रदेश राज्य चीनी निगम की है।

महराजगंज जिले की जेएचवी सुगर मिल, गड़ौरा दो वर्ष बंद थी क्योंकि उसने पुराना गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं किया था। इस कारण सरकार ने उसे गन्ना आवंटित नहीं किया। इस वर्ष उसे गन्ना आवंटित किया गया। यह चीनी मिल जनवरी महीने के आखिर में बंद हो गयी।

गड़ौरा चीनी मिल ने इस वर्ष 26.16 करोड़ रुपए का गन्ना पेरा है लेकिन उसने किसानों को इस सीजन का एक रुपए का भी भुगतान नहीं किया है। इस चीनी मिल पर वर्ष 17-18 का का 12.50 करोड़ रुपया गन्ना मूल्य बकाया था जिसमें से उसने 11.20 करोड़ का भुगतान किया है। अभी भी पुराना 1.30 करोड़ बकाया है।

महराजगंज जिले की आईपीएल सुगर्स एंड केमिकल्स की सिसवा चीनी मिल पर इस सत्र का अभी तीन करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है।

कुशीनगर के पांच चीनी मिलों-कप्तानगंज, रामकोला, खड्डा, ढाढा और सेवरही ने चालू गन्ना सत्र में 215.39 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की। इन चीनी मिलों पर कुल 693.68 करोड़ गन्ना मूल्य हुआ जिसमें से 604.83 करोड़ का भुगतान कर दिया गया है। अभी 88.85 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है।

कुशीनगर जिले की ढाढा चीनी मिल ने गन्ना सत्र 2020-21 का शत प्रतिशत गन्ना मूल्य भुगतान कर दिया है वहीं जिले की कप्तानगंज चीनी मिल भुगतान में फिसड्डी साबित हो रही है। इस चीनी मिल ने अभी तक सिर्फ 37.50 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया हैै। कप्तानगंज चीनी मिल ने 89.82 करोड़ में से सिर्फ 33.68 करोड़ का भुगतान किया है। इस चीनी मिल पर अभी भी 56.14 करोड़ गन्ना मूल्य बकाया है।

कुशीनगर जिले की रामकोला चीनी मिल ने 96.67 फीसदी, कप्तानगंज चीनी मिल ने 37.50 फीसदी, सेवरीही ने 83.21 फीसदी और खड्डा चीनी मिल ने 95.90 फीसदी गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। रामकोला चीनी मिल पर इस सीजन का 6.84 करोड़, सेवरही चीनी मिल पर 23.43 करोड़ और खड्डा पर 2.43 करोड़ रुपया बकाया है।

देवरिया की प्रतापपुर चीनी मिल को इस सीजन का 42 करोड़ रूपया गन्ना मूल्य भुगतान करना था जिसमें से उसने अब तक सिर्फ सात करोड़ का भुगतान किया है। चीनी मिल पर अभी भी 35 करोड़ रूपया गन्ना मूल्य बकाया है।