साहित्य - संस्कृति

कबीर की जयंती पर ‘काव्यपाठ व चर्चा ‘ का आयोजन

वाराणसी, 28 जून. जन भोजपुरी मंच के लंका स्थित सभागार में भोजपुरी के आदि कवि संत कबीर दास की जयंती मनाई गई. इस अवसर पर ‘काव्यपाठ व चर्चा’ का आयोजन किया गया.

चर्चा करते हुये मंच के संयोजक प्रो0 सदानंद शाही ने कहा कि कबीर की काशी ज्ञान, विज्ञान साधना से लेकर धर्म संस्कृति का केन्द्र रही है। कबीर का काशी छोड़कर मगहर जाना केन्द्र की तुलना में हाशिए को महत्व देना है. कबीर का मगहर आना केवल केन्द्र का परित्याग नहीं बल्कि केन्द्र के विशेषाधिकार को त्यागकर सामान्य की तरह जीवन जीने का संकल्प दिखाई देता है. कबीर का जीवन और कबीर की कविता दोनों में एक खास बात यह दिखाई देती है कि वे किसी भी तरह के विशेषाधिकार को स्वीकार नहीं करते बल्कि हर तरह के विशेषाधिकार को चुनौती देते है, चाहें वह वर्ण व्यवस्था हो, अर्थ व्यवस्था हो, राज्यसत्ता से या फिर धर्म सत्ता से हो। यानी काशी से मगहर की यात्रा दरअसल विशिष्ट से सामान्य होने की यात्रा है. कबीर इस सामान्यता में ही मनुष्य जीवन की सार्थकता देखते हैं.

प्रो0 बलिराज पांडेय ने कहा कि शताब्दियों पहले ही कबीरदास ने बाजारवाद का विरोध किया था. आज बाजार ही लोक से लोक जीवन छीन रहा है, यह मानवीय मूल्यों को नष्ट कर आर्थिक मूल्यों मे लोगो उलझाये हुये है। यह कबीरदास की दूरदृष्टि ही थी. इसलिए कबीर आज के दौर सर्वाधिक प्रासंगिक है.

प्रो0 मृदुला सिन्हा ने कहा की कबीरदास ने सहज और सरल तरीके से सामाजिक चेतना को जागृत करने का कार्य किया.

भोजपुरी के युवा कवि रत्नेश चंचल ने कहा कि कबीर की सैकड़ों रचनाएं ऐसी हैं जिसका अर्थ समझना कठिन है और वहीं बहुत सारी ऐसी भी रचनाएं हैं जो सहज सरल व सपाट हैं. कबीर की प्रासंगिकता कभी खत्म नहीं होगी क्योंकि कबीर की रचना हमारे जीवन शैली से संबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि कबीर के पद संगीत में इस कदर लयबद्ध है कि आज भी उसे अलग अलग धुनों में पिरोया और गाया जा रहा है. वर्तमान में भोजपुरी के प्रति लोगों की जो नाकारात्मक सोच बनी है उससे बहुत जल्द छुटकारा मिलेगा, क्योंकि अब अश्लील और द्विअर्थी गंदे गीतों से लोग उब गये हैं. भोजपुरी के गीत-संगीत पुनः अपने पारंपरिक अंदाज में हमारे सामने आ रहे है.

कार्यक्रम के दौरान मनोहर कृष्ण, रूद्र प्रताप सिंह, सौम्या वर्मा, समृता यादव ने कबीरदास के रचनाओ का पाठ किया. अतिथियो का स्वागत धीरज कुमार गुप्ता व धन्यवाद विश्वमौली ने प्रदान किया। इस अवसर पर डाॅ0 केशवमुर्ती, डाॅ0 नितू टहलानी, दीपा वर्मा, प्रियंका गुप्ता, सुनीता, डाली मेघनानी सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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