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कुलपति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाले प्रोफेसर को मिली नोटिस

गोरखपुर। दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाने वाले हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्ता पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोशल मीडिया में विश्वविद्यालय की छवि धूमिल करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ कार्यवाही शुरू कर दी है। कुलपति प्रो राजेश सिंह के अनुसार प्रो कमलेश कुमार गुप्ता पर कार्यवाही के लिए अनुशासनिक समिति बनाने की संस्तुति की गई है। प्रो गुप्ता ने इस बारे में कहा है कि उन्हें एक बंद लिफाफा मिला है जिसके बारे में मैं बाद में मुंह खोलूंगा लेकिन मैं अपने कहे एक-एक शब्द पर कायम हूँ।

इसी बीच कुलपति प्रो राजेश सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वे अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो आलोक गोयल को डपटते सुनाई दे रहे हैं और कुलसचिव को निर्देश दे रहे हैं कि विभागाध्यक्ष की व्यक्तिगत फाइल उनके पास भेजी जाए।

प्रो कमलेश गुप्ता ने तीन जुलाई को एक फेसबुक पोस्ट लिखकर कुलपति प्रो राजेश सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने इस पोस्ट में जानकारी दी थी कि उन्होंने कुलाधिपति को इन आरोपों के बारे में शिकायत कर कुलपति को हटाने की मांग की है।

प्रो गुप्ता के आरोपों को कुलपति प्रो राजेश सिंह ने बेबुनियाद बताते हुए स्थानीय समाचार पत्रों में बयान दिया है कि प्रो गुप्ता को नोटिस भेजी गयी है और उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए अनुशासनिक समिति बनाए जाने की संस्तुति की गई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा नोटिस दिए जाने के बारे में प्रो कमलेश कुमार गुप्ता ने आज फिर फेसबुक पोस्ट लिखकर कहा है कि ‘ विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय परिवार के हितों की चिंता करना हमारा धर्म है और हम इस धर्म का पालन करते रहेंगे। मुझे भी कल एक बंद लिफाफा मिला है। उस पर मैं बाद में मुंह खोलूंगा।

इस पोस्ट में प्रो गुप्ता ने लिखा है कि ‘ मैंने अब तक अपने फेसबुक और ग्रुपों में जो कुछ कहा है, उसके हर शब्द की जिम्मेदारी लेता हूँ। आज के अखबारों में बहुत-कुछ छपा है, उससे लगता है कि विश्वविद्यालय परिवार और उनके परिजनों की रक्षा का हमारा प्रयास सत्य और असत्य, न्याय और अन्याय के बीच के शाश्वत संघर्ष में बदल गया है। मेरे द्वारा लगाए गए आरोपों में से एक भी गलत हो, तो मैं फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार हूँ । हाँ प्रो0 राजेश सिंह जी के कुलपति पद पर रहते, उनकी पुष्टि कठिन है, ऐसा लगता है। जिस विश्वविद्यालय के होने से हम हैं, उसकी छवि खराब करने के बारे में, तो सपने में भी नहीं सोच सकते। विश्वविद्यालय की छवि अमानवीय आदेशों, गैरलोकतांत्रिक निर्णयों, संदेहास्पद दावों और असंवैधानिक कृत्यों आदि से धूमिल हो रही है, जिनके विरुद्ध आवाज उठाना हमारा धर्म है। ‘

प्रो गुप्ता ने फेसबुक पोस्ट में एक वीडियो अपलोड किया है। यह वीडियो कुलपति की विभागाध्यक्षों के साथ ऑनलाइन बैठक की है। इस वीडियो में कुलपति एक शिक्षक शरद श्रीवास्तव की कोराना से हुई मौत का मामला उठाए जाने पर बुरी तरह खफा दिखायी देते हुए एक अर्थशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो आलोक गोयल से चुप रहने को कह रहे हैं। वे कह रहे हैं कि आप ने अपनी बात कह ली। आप अब अपने को म्यूट करिए। मुझे भी कोराना हुआ था लेकिन मैने इसको शेयर नहीं किया। इसको इमोशनल बत बनाइए। आप मुझे असंवेदनशील साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। वीडियो के आखिर में कुलपति प्रो राजेश सिंह कह रहे हैं कि कुल सचिव जी आप आलोक गोयल की पर्सनल फाइल मुझे भेजिए। मुझे इसकी जरूरत है। ‘

यह वीडियो आज सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।

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