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मदरसों में गुणवत्तापरक शिक्षा आज की जरूरत : डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद गोरखपुर मंडल के दौरे पर हैं। शनिवार को मदरसा दारूल उलूम हुसैनिया दीवान बाज़ार पहुंचे डॉ. इफ्तिखार का फूल मालाओं से स्वागत किया गया।

इस मौके पर मदरसों को आधुनिक बनाने, मुख्यधारा से जोड़ने व रोजगारपरक बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। मदरसा मिनी आईटीआई प्रमाण पत्र की मान्यता, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद द्वारा दी जाने वाली कामिल व फाजिल की डिग्री को विश्वविद्यालय स्तर पर मान्यता दिलाने व सरकारी नौकरियों में मान्य किए जाने, मदरसा आधुनिकीकरण योजना के तहत कार्यरत शिक्षकों के चार साल के बकाया मानदेय व तमाम अन्य समस्याओं पर चर्चा हुई। डॉ. इफ्तिखार ने मदरसे का निरीक्षण किया। शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार लाने के निर्देश दिए।

डॉ. इफ्तिखार ने अपने संबोधन में कहा कि मदरसों में गुणवत्तापरक शिक्षा की आवश्यकता आज की जरूरत है। आधुनिक शिक्षकों का रूका हुआ मानदेय जल्द जारी होगा। कामिल व फाजिल की डिग्री को बीए और एमए के बराबर मान्यता दिलाई जाएगी।

कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद आजम ने किया। अध्यक्षता मदरसे के प्रधानाचार्य हाफ़िज़ नज़रे आलम क़ादरी ने की। विशिष्ट अतिथि के तौर पर उप्र मदारिसे अरबिया टीचर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी वहीदुल्लाह खां सईदी, अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पांडेय, मदरसा प्रबंधक हाजी सैयद तहव्वुर हुसैन, विष्णु प्रकाश राय, सैयद जफ़र हसन, शमीम खां, शाहनवाज, मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी (मुफ्ती-ए-शहर), नवेद आलम, कारी सरफुद्दीन, मौलाना रियाजुद्दीन, सूफी निसार, कारी अनीस, मौलाना इदरीश, हाफ़िज़ रेयाज, रफीउल्लाह बेग, कारी नसीमुल्लाह, मौलाना नूरूज्जमा मिस्बाही, मौलाना मसरुफ़, नसीम खान, आसिफ महमूद सहित तमाम मदरसों के शिक्षक, कर्मचारी व प्रधानाचार्य मौजूद रहे।

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