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प्रो कमलेश गुप्त का सवाल : मॉडरेशन के बाद प्रश्न पत्रों का प्रारूप कैसे बदल गया ?

गोरखपुर। छात्र-छात्राओं के बहिष्कार और हंगामे की भेंट चढ़ी गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्री पीएचडी परीक्षा की पारदर्शिता और परीक्षा प्रारूप पर विश्वविद्यालय के निलंबित प्रोफेसर कमलेश गुप्ता ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि विभागाध्यक्षों और वरिष्ठतम शिक्षकों के मॉडरेशन के बाद प्रश्न पत्रों का प्रारूप बदल दिया गया। उन्होंने इस परीक्षा को लेकर कुलपति से 10 सवाल पूछे हैं।
प्रो कमलेश कुमार गुप्त ने आज अपने फ़ेसबुक वाल पर प्री पीएचडी परीक्षा के बारे में कुलपति से दस सवाल पूछते हुए लिखा है कि पारदर्शिता कहमे से नहीं आती है। पारदर्शिता अगर है तो वह दिखनी भी चाहिए।
प्री पीएचडी की परीक्षा सात और नौ जनवरी को हुई थी। दोनों दिन दर्जनों छात्र -छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार किया था और नारेबाजी की थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने शुक्रवार को आयोजित 2019-20 की प्री-पीएचडी परीक्षा के प्रथम प्रश्न पत्र रिसर्च मेथोडोलॉजी में व्यवधान उत्पन्न करने और उत्तरपुस्तिका फाड़ने का आरोप लगते हुए 17 छात्र-छात्राओं को निष्कासित कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। नई जनवरी को प्री-पीएचडी पाठ्यक्रम के द्वितीय प्रश्न पत्र कंप्यूटर एप्पलीकेशन की परीक्षा का भी छात्र-छात्राओं ने बहिष्कार किया था और विश्वविद्यालय गेट पर नारेबाजी की थी। छात्र-छात्रों का आरोप था कि निर्धारित परीक्षा प्रारूप से अलग तरीके से परीक्षा ली जा रही है।
कुलपति के खिलाफ आवाज उठाने और सत्याग्रह करने पर निलंबित किये गए हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त ने आज अपने फेसबुक वाल पर लिखा कि प्री पीएचडी परीक्षा के बारे में कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के पारदर्शिता के दावे पर विश्वास के लिए सवालों का जवाब मिलना जरूरी है।
 प्रो कमलेश कुमार गुप्त का कुलपति से सवाल 
1.जिस प्रारूप पर प्री पीएचडी की परीक्षा हुई है वह विश्वविद्यालय के किस/किन संवैधानिक निकाय/निकायों से प्रस्तावित, स्वीकृत, संस्तुत और अनुमोदित था?
2. विभागाध्यक्षगण और विश्वविद्यालय के वरिष्ठतम शिक्षकों के द्वारा मॉडरेशन के बाद प्रश्न पत्रों का प्रारूप कैसे बदल गया ?
3. उर्दू विषय का प्रश्न पत्र हिंदी (देवनागरी लिपि) में कैसे आया ?
4. क्या सभी विषयों की सभी सिरीज की प्रश्न पुस्तिकाएं विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड की जाएंगी? अगर हाॅं, तो कब तक ?
5. क्या यह सच नहीं है कि सारी प्रश्न पुस्तिकाओं की सिरीज एक ही थी?ऐसा क्यों हुआ ?
6. प्रश्न-पुस्तिका और ओएमआर शीट की एक प्रति परीक्षार्थियों को क्यों नहीं घर ले जाने दी गईं ?
7. बहुविकल्पीय प्रश्नों का मूल्यांकन कौन करेगा ?
8. बहुविकल्पीय प्रश्नों की उत्तर माला कब तक जारी की जाएगी ?
9. आपका तथाकथित नया अध्यादेश विद्या परिषद में किस तारीख को संस्तुत हुआ ?
10. उक्त अध्यादेश को बनाने वाली समिति के सदस्यों के नाम सार्वजनिक करेंगे ?

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