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जल निगम के अभियंताओं के आरोपों पर नगर विधायक का जवाब-भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा खड़े रहेंगे

गोरखपुर. नगर विधायक डा राधा मोहन दास अग्रवाल ने जल निगम के अभियंताओं द्वारा लगाये गए आरोपों के जवाब देते हुए कहा है कि वर्ष 2002 से नागरिकों ने हमें अपना विधायक बनाया हुआ है , हमारी जिम्मेदारी सिर्फ उनसे हैं. किसी अभियंता या अधिकारी से कतई नहीं है. जब नागरिकों का जीवन कोई अभियंता नरक करेगा या उसके पैसे में भ्रष्टाचार करेगा तो हम हमेशा खडा रहते हैं और आगे भी रहेंगे.

उत्तर प्रदेश जल निगम की निर्माण इकाई के अभियंताओं ने नगर विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया है और इसके विरोध में एक महीने के उपार्जित अवकाश पर चले गए हैं. अवकाश पर जाने के पहले इन अभियंताओं ने जल निगम के अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक, जीएम, मुख्य अभियंता, गोरखपुर के कमिश्नर, डीएम को घटना की पूरी जानकारी देते हुए पत्र लिखा है.  इस पत्र पर परियोजना प्रबन्धक आर एस सिंह, परियोजना अभियंता पंकज कुमार, सहायक परियोजना अभियंता विकास दुबे, सुधीर कन्नौजिया, सुजीत चौरसिया और अमरजीत यादव के हस्ताक्षर हैं.

जल निगम के अभियंताओं के आरोपों पर नगर विधायक ने आज जारी विज्ञप्ति में कहा कि ‘ आज ये हमारे गुस्से से नाराज हैं तो हमारे गुस्सा होने के पहले पचासों हजार नागरिकों का जीवन नारकीय क्यों किया ? जमीन में फटी हुई घटिया पाईपें डाल दी और बिना गुस्सा हुए हमने पकड लिया तो कार्यवाही क्यो नही की ? दो  साल से सीवर लाईन डालने के नाम पर 15 मोहल्लों की सारी सड़कें  तोड़ डाली हैं . महिलायें पैर तुड़वा कर महंगे नर्सिंग होम में इलाज करा रही हैं. दस महीने पहले हमने निरीक्षण किया और विधानसभा में सवाल उठाया तो कान में तेल डालकर क्यों बैठे रहे ? आज जब उच्च-स्तरीय जांच टीम आ गई तो अवकाश/ हडताल की धमकी देकर बचना चाहते हैं। ‘

भाजपा विधायक ने कहा कि ‘ देवरिया रोड पर बन रहे नाले को एक किमी दूरी पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में न मिलाकर 6 किमी दूर तुर्रा नाले में बिना रेगुलेटर के मिला रहे हैं। राप्ती नदी के बाढ़ में डुबाने की योजना बना रहे और मैं चुप रहूँ  ? आखिर  विधायक किसलिये हूँ ? ‘

उन्होंने कहा कि ‘ हमारे आचरण ,व्यवहार और शब्द-कोश के बारे में पूरा शहर जानता है. अभियंताओं की संवेदनहीनता और भ्रष्टाचार से त्रस्त नागरिक मुझे भला-बुरा कह रहे हैं, इसमें उनकी कोई गलती नहीं है लेकिन मैं इन्हें कबतक झेलूं . सत्ता का विधायक होने के बावजूद अपने राजनैतिक भविष्य को खतरे में डालकर दो बार यह मामला विधानसभा में उठा चुका, अब क्या करूं ? इनके पैर छूकर इन्हें माला पहनाऊ और नागरिकों का जीवन नारकीय करने के लिए धन्यवाद दूं । ‘

डॉ अग्रवाल ने कहा कि ‘ हमने जांच टीम को बयान दिया था कि अगर सारी फटी हुई पाईपें बदल दी जायें और सारी सड़कें पहले की तरह बनाने को विभाग तैयार हो जाये तो मैं एक बार सारी लापरवाही और भ्रष्टाचार भूल सकता हूँ लेकिन नागरिकों के जीवन के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता हूँ. ‘

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