साहित्य - संस्कृति

भारत में विज्ञान कथा नवीन विधा नहीं है, इस पर काम कम हुआ है : प्रो० गौर हरि बेहरा 

गोरखपुर । प्रायः यह मान लिया जाता है की विज्ञान कथा में विज्ञान की बातें ही होंगी जो सही नहीं है l विज्ञान कथा विज्ञान के उस श्वेत और श्याम पक्ष को उजागर करने का सशक्त माध्यम है जो समाज को प्रभावित करता है , व्यक्ति के जीवन के आयाम को बदलता है l

यह बातें गोरखपुर विश्विध्यलय के अंग्रेजी विभाग के विभाध्यक्ष प्रो0 गौर हरि बेहरा ने ‘ आयाम  ‘ द्वारा ‘दलित, पसमांदा एवं बहुजन: साहित्य और समाज का सच’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन तीसरे सत्र में कथाकार अमित कुमार की किताब ‘एन अनटैंगिल्ड मिस्ट्री’ के लोकार्पण अवसर पर कही l

उन्होंने कहा कि भारत में विज्ञान कथा नवीन विधा नहीं है, पर इस पर काम कम हुआ हैl इस पर ज्यादा काम मेट्रोपॉलिटन सिटीज में हुआl  गोरखपुर जैसे शहर से कोई अमित कुमार जैसा लेखक विज्ञान कथा लिखता है तो इसे सुखद और उत्साहपूर्ण रूप में लिया जाना चाहिए क्योंकि ये विज्ञान कथा साहित्य को एक दिशा देते हुए समृद्ध करेगा, कम से कम मेरा ऐसा विश्वास हैl उनकी लोकर्पित पुस्तक ‘एन अनटैंगिल्ड मिस्ट्री’ में कुल 11 कथाएँ हैं जिसमें इतने शेड्स हैं, की ये पढ़े जाने के लिए हमें बाध्य करती हैंl