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पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप की गिरफ़्तारी पर कई संगठनों ने सवाल उठाया

गोरखपुर। पूर्वांचल सेना के अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप और उनके छोटे भाई योगेन्द्र प्रताप की गिरफ़्तारी पर कई संगठनों ने सवाल उठाया है और आरोप लगाया है कि जन हित के मुद्दों पर संघर्ष व आंदोलन करने के कारण धीरेन्द्र प्रताप को फर्जी केस दर्ज कर गिरफ़्तार कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है।

पुलिस ने 17/18 सितम्बर की रात बाद धीरेन्द्र और योगेन्द्र को उनके घर से हिरासत में लिया था। अगले दिन उन्हें पुलिस पर हमला करने, हत्या का प्रयास करने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में जेल में भेज दिया।  दोनों के उपर आईपीसी की धारा 307, 332 और 353 दर्ज किया गया है।

कैंट थाने में बेतियाहाता के चौकी इंचार्ज द्वारा दर्ज करायी गयी एफआईआर में कहा गया है कि हनुमान मंदिर तिराहे के पास धीरेन्द्र प्रताप और योगेन्द्र प्रताप शातिर अपराधी विक्की के साथ खड़े थे। जब पुलिस और क्राइम ब्रांच ने उन्हें पकड़ा तो विक्की के पास तमंचा मिला। तीनों ने पुलिस के साथ धक्का मुक्की की और विक्की तमंचा से फायर किया। इसके बाद सभी लोग भाग गये।

पुलिस की एफआईआर को पूर्वाञ्चल सेना ने झूठा बताया है। संगठन ने कहा है कि पुलिस पूर्वांचल सेना अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप व उनके भाई योगेन्द्र प्रताप पर फ़र्ज़ी मुक़दमा लाद ज़बरन अपराधियों से संबंध जोड़ रही है।

शनिवार को पूर्वांचल सेना की बैठक लक्ष्मीबाई पार्क में हुई। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय महासचिव प्रणय श्रीवास्तव ने किया और संचालन प्रदेश सचिव सतेंद्र कुमार निगम ने किया। बैठक में राष्ट्रीय महासचिव प्रणय श्रीवास्तव ने कहा कि 17 / 18 सितम्बर की रात 2 बजे संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बेतियाहाता आवास पर कुछ लोग सादे कपड़े में पहुंचे और दरवाजे के ऊपर से कूद कर घर में घुस गये। आवाज़ सुन घर के लोग बाहर निकले। तब तक 40 से 50 की संख्या में पुलिस कर्मी वहाँ पहुँच चुके थे। इन लोगों ने घर के लोगों से अभद्रता की बिना कोई कारण बताये जबरन राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप व उनके छोटे भाई योगेन्द्र प्रताप को चार पहिया वाहन में बैठाकर ले गये।

उन्होंने बताया 18 सितम्बर को पूरे दिन खोजबीन करने के बाद कोई जानकारी नहीं मिली तो दोपहर एक बजे जिलाधिकारी से पूर्वाञ्चल सेना के कार्यकर्ता मिले।  जिलाधिकारी ने जानकारी दी की धीरेन्द्र प्रताप व उनके भाई को क्राइम ब्रांच के लोग ले गये हैं और पुलिस लाइन में रखे हैं। घर व संगठन के लोगों की जो अनहोनी की आशंका थी वही हुआ और पुलिस ने धीरेन्द्र प्रताप व उनके भाई के ऊपर कोई मामला न मिलने पर अपनी तरफ से मनगढ़ंत कहानी रच गंभीर धाराओं में दोनों लोगों का चालान कर दिया गया।

श्री श्रीवास्तव ने कहा कि पुलिस द्वारा एफआईआर में यह सूचना देना की उनकी गिरफ्तारी हनुमान मंदिर के पास हुई यह बात प्रथमदृष्टया ही गलत हैं क्योंकि उनकी गिरफ्तारी घर पर की गयी जिसकी वीडियो उपलब्ध हैं। इससे स्पष्ट होता है कि मामला फ़र्ज़ी हैं। उन्होंने कहा की यह कुल षड्यंत्र पूर्वांचल सेना अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप की बढ़ती सामाजिक एवं राजनीतिक कद को दबाने के लिए रचा गया हैं।

बैठक में अविनाश गुप्ता, सुधीर मोदनवाल, अमित सिंह , बुद्धसागर , ईश्वर चंद प्रियदर्शी, छात्रनेता पवन कुमार , सुधीराम रावत, विद्यानंद, रविन्द्र सिंह गौतम आदि दर्जनों लोगों उपस्थित रहे।

रिहाई मंच ने पूर्वांचल सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र प्रताप और उनके भाई की गिरफ्तारी की निंदा की है। रिहाई मंच महासचिव राजीव यादव ने कहा कि पूर्वांचल सेना वर्ष  2006 से दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। संगठन के संघर्ष और आवाज को दबाने के लिए धीरेन्द्र प्रताप और उनके भाई को गिरफ़्तार किया गया है।

भाकपा माले के जिला सचिव राजेश साहनी ने कहा है कि धीरेन्द्र प्रताप और उनके भाई की गिरफ़्तारी प्रदेश सरकार की दमनात्मक कार्रवाई का एक और उदाहरण है। फर्जी केस दर्ज कर सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं को गिरफ़्तार किया जा रहा है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।