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मधेशियों के हक की लड़ाई हमेशा जारी रहेगी : मोहम्मद लाल बाबू राउत

नेपाल के प्रदेश नंबर दो के मुख्य मंत्री मोहम्मद लाल बाबू राउत से वरिष्ठ पत्रकार सग़ीर ए खाकसार की विशेष बातचीत

मोहम्मद लाल बाबू राउत प्रदेश नम्बर दो के मुख्यमंत्री हैं. वहां उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली संघीय समाजवादी फोरम ,नेपाल की सरकार है.आम तौर से प्रदेश नंबर दो नेपाल की सियासत में ज़्यादा चर्चा में रहता है. वजह साफ है वहां मधेशी दल की सरकार है और मोहम्मद लाल बाबू राउत नेपाल में मुसलमानों की नगण्य आबादी के बावजूद पहले मुस्लिम मुख्यमंत्री भी हैं. प्रदेश के सुर्खियों में रहने की तमाम वजहों में एक वजह और है और वो ये कि लाल बाबू राउत का बेबाकी पन और विकास को लेकर उनकी सकारात्मक सोच।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के दौरान अपने स्वागत भाषण में लाल बाबू राउत ने नेपाल में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों जिन्हें मधेशी कहा जाता है उनकी पीड़ा को उनके सामने रख कर सब को चौका दिया था। पेश है उनसे हुई बातचीत के प्रमुख अंश।

सवाल-फिलवक्त नेपाल के सियासी हालात कैसे हैं?

जवाब-नेपाल में लोकतंत्र अपने शैशव काल में है। बिखरी हुई चीजों को समेटना और सहेजना थोड़ा मुश्किल काम है। लंबे समय से नेपाल ने द्वंद को झेला है। पटरी पर आने में थोड़ा वक्त लगेगा।

सवाल- आप की प्राथमिकताएं क्या क्या हैं ?

जवाब-सुशासन,विकास ,शिक्षा ,स्वास्थ्य ,इंफ्रास्ट्रक्चर ,जनता की बुनियादी ज़रूरतें मेरी प्राथमिकता में शामिल हैं। बालिका शिक्षा और स्वास्थ्य को लेकर तेज़ी से प्रदेश में काम हो रहा है। बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ,का नारा सिर्फ हमने नहीं दिया है बल्कि इस योजना के तहत क्रांतिकारी काम भी किये हैं। उच्च शिक्षा ,सबको शिक्षा,सस्ती शिक्षा,जन जन तक पहुंचाना हमारा ध्येय है।

सवाल-मधेसियों के पिछड़ेपन की खास वजह क्या है?

जवाब-मधेसियों के पिछड़ेपन की सबसे बड़ी वजह यहां की सरकारों का इनके साथ सौतेला व्यवहार है।यही वजह है सरकारी नौकरियों में इनकी भागीदारी न के बराबर है।नेपाली कांग्रेस,नेकपा एमाले,माओवादी सभी दलों ने मधेशियों का सिर्फ शोषण किया। नेपाली कांग्रेस सर्वाधिक सत्ता में रही है लेकिन उसने भी मधेसियों के लिए कुछ नहीं किया। यही वजह है मधेशी समाज आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ है। सरकार दुआरा मधेसियों के साथ विभेदकारी नीति के परिणाम स्वरूप मधेशी समाज ,गरीबी,बेरोज़गारी, का शिकार है।

सवाल-नेपाल में मुस्लिमों के हालात कैसे हैं ?

जवाब- मुस्लिम समाज काफी पिछड़ा हुआ है। पिछड़ेपन का कारण विभेदकारी नीति ही है।मदरसों को आधुनिक बनाने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। ईद ,बकरीद,और ईद मीलादुन्नबी को सार्वजनिक अवकाश हमारे प्रदेश में घोषित किया गया है।शिक्षा के ज़रिए मुस्लिम समाज अपने पिछड़ेपन को दूर कर सकता है।

सवाल-क्या मधेश आंदोलन दम तोड़ चुका है ?

जवाब-नेपाल में संघीयता प्रणाली को लागू करने में संघीय समाजवादी फोरम नेपाल ने अग्रणी भूमिका निभाई है।मधेश आंदोलन में हमने बड़े आंदोलन किये हैं।अपने मौलिक अधिकारों को हासिल करने के लिए मधेशी समुदाय को आगे आना होगा।प्रदेश नंबर दो में हमारी सरकार मधेसी समुदाय की मज़बूत एकता को दर्शाता है।मधेसियों को यही एकजुटता पूरे नेपाल में दिखानी होगी।रही मधेश आंदोलन के दम तोड़ने की बात तो ऐसा बिल्कुल नहीं है।आंदोलन एक लंबी प्रक्रिया है।जो कभी तीब्र गति से तो कभी धीमी गति से चलती रहती है। मधेशियों के हक हुक़ूक़ की लड़ाई हमेशा जारी रहेगी।

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