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18 महीने विलम्ब से सूचना देने पर गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव सूचना अयोग में तलब

गोरखपुर। राज्य सूचना आयोग ने 18 महीने विलम्ब से सूचना दिए जाने पर दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डाॅ ओमप्रकाश सिंह को आयोग में तलब कर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा है। साथ में अर्थदंड लगाने की चेतावनी दी है।

राज्य सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने आदित्य नारायण क्षितिजेश की अपील पर सुनवाई करते हुए 10 मई को यह आदेश जारी किया है।

आदित्य नारायण क्षितिजेश ने एक जुलाई 2020 और 17 जुलाई 2020 को अलग-अलग आवेदन कर दीदउ गोरखपुर विश्वविद्यालय के जनसूचना अधिकारी/कुलसचिव से शिक्षा शास्त्र विभाग में अस्सिटेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के सम्बन्ध में सूचना मांगी थी। निर्धारित 30 दिन में सूचना नहीं मिलने पर उन्होंने प्रथम अपील दाखिल किया फिर भी विश्वविद्यालय की ओर से उन्हें सूचना नहीं दी गई। इस पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील किया।

द्वितीय अपील की सुनवाई के पहले 18 महीने बाद विश्वविद्यालय की ओर से नौ मई 2022 को आदित्य नारायण क्षितिजेश को सूचना उपलब्ध करायी गयी। आयोग में 10 मई को हुई सुनवाई में जनसूचना अधिकारी/कुलसचिव स्वयं उपस्थित न होकर उनके अधिवक्ता उपस्थित हुए और उन्होंने बताया कि नौ मई को आवेदक को सूचना दे दी गई।

राज्य सूचना आयुक्त सुभाष सिंह ने सुनवाई करते हुए जनसूचना अधिकारी/कुलसचिव डाॅ ओमप्रकाश सिंह को आयोग में अगली सुनवाई 25 अक्टूबर 2022 को स्वयं उपस्थित होकर 18 महीने विलम्ब से सूचना देने का कारण बताने को कहा है। राज्य सूवना आयुक्त ने डाॅ ओमप्रकाश सिंह को यह भी आदेश दिया है कि वह यह भी बताएं कि सूचना अधिकार कानून की किस धारा में जन सूचना अधिकारी को वकील नियुक्त करने का प्रावधान किया गया है। आयोग ने स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर जनसूचना अधिकारी/कुलसचिव को 250 रूपए प्रतिदिन की दर से अर्थदंड आरोपित करने की चेतावनी दी है।

उल्लेखनीय है कि डाॅ ओमप्रकाश सिंह अब विश्वविद्यालय के कुलसचिव नहीं है। आदित्य नारायण क्षितिजेश द्वारा सूचना मांगे जाने के समय वही कुलसचिव और विश्वविद्यालय के जन सूचना अधिकारी थे।

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