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भूमि विवाद को गंभीरता से नहीं लेने के कारण हुई बंधु छपरा के दो युवकों की हत्या

कुशीनगर.  खड्डा थाना क्षेत्र में सोमवार की रात बंधु छपरा के दो युवकों -राजकुमार और इस्माइल उर्फ टुनटुन की निर्मम हत्या का मामला भूमि विवाद से जुड़ रहा है. राजकुमार का गांव के ही एक परिवार से भूमि विवाद था और इस मामले में दिसम्बर 2018 में राजकुमार और उसके पिता चन्द्रिका पर हमला हुआ था लेकिन पुलिस ने इस मामले में प्रभावी कार्रवाई नहीं की. यदि पुलिस और राजस्व विभाग ने आठ वर्ष से चले आ रहे भूमि विवाद से ठोस कार्रवाई की होती तो राजकुमार और इस्माइल की जान बच सकती थी.

मंगलवार की सुबह खड्डा थाना क्षेत्र के मठिया के समीप मुख्य पश्चिमी नहर के पास राजकुमार की सिर विहीन लाश मिली थी. राजकुमार के सिर की तलाश में जब पुलिस ने नहर में खोज की तो उसमें इस्माइल का शव मिला. राजकुमार के शव का सिर अभी तक बरामद नहीं हुआ है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि इस्माइल को सिर में गोली मारी गई थी. हत्यारों ने राजकुमार का सिर काट दिया था और उसके दोनों हाथों की कलाई भी काट दी थी.

राजकुमार

राजकुमार के पिता चन्द्रिका ने भूमि विवाद को लेकर हो रही घटनाओं की जानकारी राजस्व व पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को दी थी.

राजकुमार पर कुछ महीने पहले मुर्गी फार्म में आग लगाने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराया गया था.  इसके बाद 26 दिसम्बर 2018 को दूसरे पक्ष ने चन्द्रिका व राजकुमार पर धारदार हथियार से हमला कर गंभीर रुप कर दिया. चन्द्रिका की पुत्री अंजू पर तेजाब फेंका गया. आरोप है कि इस गभीर आपराधिक घटना को तत्कालीन थाना प्रभारी अनुज सिंह ने बहुत हल्के से लिया और आरोपियों को सिर्फ शांति भंग में पाबंद किया. एसडीएम न्यायालय से आरोपियों को जमानत मिल गई.

इस्माइल उर्फ़ टुनटुन

भाजपा के मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र राव ने इस बारे में पुलिस अधीक्षक से शिकायत की लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई. उन्होंने पडरौना आए डपमुख्यमंत्री के समक्ष इस मामले को उठाया तो प्रभारी निरीक्षक का स्थानान्तरण हुआ.

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व विधायक मदन गोविंद राव ने राजकुमार और इस्माइल उर्फ़ टुनटुन की नृशंस हत्या में पुलिसकर्मियों की परोक्ष संलिप्तता का आरोप लगाया है. उन्होंने फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि राजकुमार के परिजनों को पिछले कुछ महीनों से उत्पीड़ित किया जा रहा था. तत्कालीन थाना प्रभारी अनुज कुमार सिंह ने पैसे के लालच में परोक्ष रूप से राजकुमार के परिजनों को लगातार उत्पीड़ित कर अपराधी प्रवृत्ति के दबंगों की मदद की. राजकुमार के परिजनों को पहले फर्जी मुकदमे लिखकर प्रताड़ित किया गया. हत्यारे पक्ष के लोगों पर जब आपराधिक मुकदमे दर्ज हुए हैं तो धाराएं हटाई गई हैं एवं अनेक मुलजिमों का नाम विवेचना के नाम पर चार्जशीट से निकाल कर अपराधियों का मनोबल बढ़ाया गया.

शोकाकुल परिजन


उन्होंने दिसम्बर 2018 से हुई सभी घटनाओं की मजिस्ट्रेट से जांच कराने की मांग करते हुए कहा कि
जिलाधिकारी को तुरंत निष्पक्ष जांच हेतु एक अधिकारी को नामित करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राजकुमार ने पिछले तीन-चार माह से अपने एवं अपने परिजनों के साथ हुई घटनाओं को सिलसिलेवार रजिस्टर में दर्ज किया है. जांच में उक्त रजिस्टर एक विश्वसनीय साक्ष्य के रूप में इस्तेमाल हो सकता है.

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