लोकसभा चुनाव 2019

भाजपा की विजय संकल्प सभा में लोकसभा उपचुनाव की हार का जख्म उभरा

हार को भाजपा नेताओं ने ‘ कलंक ’ , ‘ अपमान ’, ‘ तौहीन ’ बताया और हार का बदला लेने का आह्वान किया

गोरखपुर. गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र की भाजपा की विजय संकल्प सभा में 2018 के लोकसभा उपचुनाव में हार का जख्म उभर आया. अधिकतर भाजपा नेताओं ने लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सम्मान के लिए ‘ धक्का ’, ‘ अपमान ’ और गोरखपुर के लिए ‘ कलंक ‘, ‘ तौहीन ’ बताया और लोगों से इस चुनाव में हार का बदला लेने का आह्वान किया. अलबत्ता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में लोकसभा उपचुनाव की हार का कोई जिक्र नहीं किया.

विजय संकल्प सभा में लोकसभा चुनाव के हार की टीस सभी नेताओं के चेहरे और सम्बोधन में नजर आई. किसी ने हार का दोष कम मतदान को तो किसी ने कार्यकर्ताओं-नेताओं की कमजोरी को बताया.

लोकसभा उपचुनाव में हार का सबसे पहले जिक्र उपचुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे और इस वक्त भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष उपेन्द्र दत्त शुक्ल ने किया. उन्होंने कहा कि गोरखपुर में उनकी हार से योगी आदित्यनाथ के सम्मान को धक्का लगा. उन्हें अपनी हार का गम नहीं क्योंकि वह सामान्य कार्यकर्ता और सामान्य व्यक्ति हैं लेकिन योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा को धक्का लगने से वह दुखी हैं.

उन्होंने कार्यकर्ताओं से हार के अपमान का बदला लेने का आह्वान करते हुए कहा कि गोरखपुर में एक डिस्मिल जमीन पर कब्जा हो जाने पर लोग कत्ल तक कर देते हैं. ऐसे में जब हिन्दुत्व के केन्द्र गोरखपुर पर विरोधी पार्टी का कब्ब्जा हो गया है तो क्या कार्यकर्ता चुप रहेंगे ?

सहजनवा के विधायक शीतल पांडेय के सम्बोधन में भी उपचुनाव में हार की कसक थी. उन्होंने कहा कि पिछली बार हार का जो कलंक लगा है उसे इस बार मिटाना होगा. श्री पांडेय ने कहा कि इस बार हार हमसे हारेगी और विजय का हार उपेन्द्र दत्त शुक्ल के गले में पड़ेगी.

भाजपा ने अभी गोरखपुर से कोई प्रत्याशी घोषित नहीं किया है लेकिन सभा में भाजपा विधायक शीतल पांडेय ने अपरोक्ष रूप से संकेत दिया कि उपेन्द्र दत्त शुक्ल ही प्रत्याशी होंगे।

गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विपिन सिंह ने भोजपुरी में भाषण दिया। उन्होंने कहा-गोरखपुर में जेतना काम महाराज जी कइलन उतना काम आजादी के बाद आज तक नाहीं भइल. गोरखपुर के चारो तरफ फोर लेन बनत बा. एम्स, फर्टिलाइजर बनत बा. महेवा में दस करोड़ के लागत से गोशाला बनत बा.  इस सब केकर देन ह ? इस पर भीड़ से आावाज आई -योगी आदित्यनाथ. तब उन्होंन कहा -तब काहें वोट देवे के बरी जाति-पांति देखे ल. विकास काहे नाहीं देखत हव. बताव कितना शर्म के बात बा कि गोरखपुर उपचुनाव में 47 प्रतिशत वोट भईल.  ए बरी महराज जी के सम्मान बढावे के खातिर तीन लाख वोट से भाजपा के जितावे के बा.

नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में उपचुनाव में हार को लेकर सख्त बातें कहीं. उन्होंने गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव की हार की तुलना गोरखपुर नगर निगम चुनाव में किन्नर आशा देवी की जीत से की.

उन्होंने कहा पिछले वर्ष ‘ गोरखपुर ने एक ऐसा सांसद पाया है जिसकी शक्ल भी कोई नहीं देख पाया है. आप ने ऐसा सांसद चुना है जिसकी शक्ल नहीं दिखती है. वह व्यक्ति फिर लड़ने आ गया है। यह आपकी कायरता और असफलता का द्योतक है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि आप योगी आदित्यनाथ का नाम जपते हैं लेकिन जब गली-मोहल्ले में जाकर काम करने की बात आती है तो कमजोरी आ जाती है. आज कहीं भी जाने पर लोग उपचुनाव की हार को लेकर व्यंग्य करते हैं. आप को शायद अहसास नहीं कि आपने क्या खोया है . भारत के कोने-कोने में जिस योगी आदित्यनाथ के नाम का डंका बज रहा है, जिनके नाम से गर्व से सीना फूल जाता है, लोकसभा उपचुनाव मे गोरखपुर ने उसे डूबो दिया.  ‘

श्री अग्रवाल ने कहा -‘ कार्यकर्ताओं को इस पीड़ा अहसास करना होगा। उन्होने राहुल गांधी द्वारा घोषित न्याय योजना को छलावा बताते हुए इससे मतदाताओं को सावधान करने को कहा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की यह योजना आयुष्मान योजना, आवास योजना, राशन योजना आदि के द्वारा दी जा रही डायरेक्ट सब्सीडी को छीनने की साजिश है.

कैम्पियरगंज के विधायक फतेहबहादुर सिंह ने कहा कि लोकसभा उपचुनाव में थोडी कसक रह गई, कमी रह गई. इस बार कोई कमजोरी नहीं होनी चाहिए.

कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी लोकसभा उपचुनाव में भाजपा की हार को गोरखपुर की तौहीन करार दिया और इसका बदला लेने का आह्वान किया.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सम्बोधन में उपचुनाव की हार का कोई जिक्र नहीं किया। उन्होंने अपने सम्बोधन में केन्द्र और प्रदेश सरकार की उपलब्धियां गिनाईं. सपा, बसपा और कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि हम विकास, सुशासन और राष्ट्रवाद के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं.

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