गोरखपुर। अनुदानित एवं गैर अनुदानित मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या लगातार घट रही है। पहले की तरह न तो अभिभावक और न ही बच्चे मदरसे में पढ़ने को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। आंकड़ें बताते हैं कि सात सालों में मदरसा बोर्ड द्वारा संचालित सेकेण्ड्री (मुंशी व मौलवी), सीनियर सेकेण्ड्री (आलिम), कामिल और फाजिल के परीक्षार्थियों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है।
गोरखपुर से वर्ष 2022 की परीक्षा के लिए मदरसा शिक्षा पोर्टल पर महज 1623 परीक्षार्थियों ने आनलाइन फार्म भरा है, जबकि 2020 में यह आंकड़ा 1972 व 2021 में 1655 था। इस बार 964 लड़कों व 659 लड़कियों ने फार्म भरा है। जिसमें 1236 संस्थागत व 387 व्यक्तिगत परीक्षार्थी शामिल हैं। कुशीनगर में 6623, महाराजगंज में 4264 व देवरिया में 4190 परीक्षार्थियों ने फार्म भरा है।
मदरसा बोर्ड की परीक्षाएं 14 मई से शुरू होकर 27 मई तक चलेंगी। बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं राज्य के अनुदानित मदरसों व आलिया स्तर के स्थायी मान्यता प्राप्त मदरसों में सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होंगी। इस वक्त परीक्षा केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है।
हर साल जितने परीक्षार्थी फार्म भरते हैं उसमें से भी तकरीबन 20 फीसद छात्र-छात्राएं परीक्षा देने नहीं पहुंचते हैं। साल दर साल परीक्षार्थियों की घटती संख्या ने मदरसा के प्रधानाचार्य, शिक्षक एवं प्रबंधन के चेहरे पर शिकन ला दिया है। उनकी कोशिशों के बाद भी मदरसों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने की बजाए कम हो रही है। बच्चे मदरसे की परीक्षा देने के बजाए यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा देने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं। गुरुवार को मदरसा बोर्ड की बैठक में मदरसों में घटती छात्र संख्या पर चिंता जताई गई। साथ ही तय किया गया कि जिन मदरसों में छात्र कम हैं और शिक्षक अधिक हैं वहां के शिक्षकों को दूसरे मदरसों में समायोजित किया जाएगा।
मदरसे में पढ़ने को लेकर विद्यार्थी नहीं ले रहे रुचि
मदरसा बोर्ड से मिलने वाले सर्टिफिकेट को भी मान्यता नहीं मिलती है। जिस कोर्स को छात्र बीए और एमए समझकर करते हैं उसे अन्य बोर्ड या विश्वविद्यालय में इंटर स्तर तक ही माना जाता है, जबकि इस कोर्स को करने में पांच साल का वक्त लगता है। ऐसे में बच्चों का वक्त बर्बाद नहीं कर सकते। मदरसा शिक्षक मोहम्मद आज़म व नवेद आलम ने बताया कि मदरसा बोर्ड के पाठ्यक्रम को मान्यता दिलाने के लिए अरबी-फारसी विश्वविद्यालय से बोर्ड के जिम्मेदार काफी वक्त से बात कर रहे हैं। अगर मान्यता जल्दी नहीं मिली तो छात्रों की संख्या और भी कम हो सकती है।
परीक्षा वर्ष परीक्षार्थियों की संख्या
2016 6005
2017 4604
2018 3532
2019 2418
2020 1972
2021 1655
2022 1623