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शोध छात्र-छात्राओं पर पर दर्ज एफआईआर रद करने की मांग को लेकर मशाल जुलूस निकाला

गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के 17 शोध छात्रों पर दर्ज एफआईआर को रद करने की मांग को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता डॉ संपूर्णानंद ने पाँच अप्रैल को अपने निवास स्थान गोविंद नगरी बशारत से जिलाधिकारी अपर जिलाधिकारी कार्यालय तक मशाल जुलूस निकाला।

मशाल जुलूस निकालने के बाद डॉ संपूर्णानंद से प्रशासन ने वार्ता की और 14 अप्रैल तक उनकी मांगों पर विचार करते हुए शोध छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि डॉ संपूर्णानंद ने 13 दिन का आमरण अनशन किया था जिसके बाद हिंदी विभाग के प्रोफेसर प्रो कमलेश गुप्त की निलंबन वापसी, सात शिक्षकों की वेतन कटौती रद करने की मांग पूरी हुई लेकिन शोध छात्रों जिसमें लड़कियां भी शामिल हैं, पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा आपराधिक धारा में दर्ज कराए गए मुकदमे वापस अभी तक वापस नहीं हुए।

गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति पर अनियमितता एवं तानाशाही का आरोप लगाते हुए डॉ संपूर्णानंद ने कहा कि 17 रिसर्च स्कॉलर्स पर क्रूर अमानवीय एफआईआर विवि के तानाशाह कुलपति द्वारा दर्ज कराया गया। यह एफआईआर विवि के इतिहास का एक काला अध्याय है। एक तरफ “बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ” का स्लोगन दिया जा रहा है दूसरी तरफ और बेटियों पर एफआईआर दर्ज किया जा रहा है।

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