होप पैनेसिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर भिड़े दो पक्ष, प्रशासन ने अस्पताल सील किया

एक पक्ष ने भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर कब्जा करने का आरोप लगाया, सांसद ने आरोपों को बेबुनियाद बताया

गोरखपुर। शहर के छात्र संघ चैराहे पर स्थित होप पैनेसिया अस्पताल पर कब्जे को लेकर सोमवार को दो पक्ष आपस में भिड़ गए। दोनों पक्षों में तू-तू-मै-मै के साथ गाली गलौच व धक्का मुक्की हुई। मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में ले लिया और कैंट थाने ले गयी। बाद में दोनों पक्षों से आठ लोगों को पाबंद किया गया। देर रात कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसएसपी मौके पर पहुंचे और अस्पताल को सील करा दिया।

इस प्रकारण में बांसगांव के भाजपा सांसद कमलेश पासवान का नाम आने से इसको लेकर काफी चर्चा हो रही है।

सोमवार की दोपहर में अस्पताल के बाहर दोनों पक्षों में काफी देर तक विवाद, हाथापाई, गाली गलौच होता रहा। इस घटना का कई वीडियो भी सोशल मीडिया में वायरल हुए हैं।

एक वीडियो में डा. प्रमोद सिंह और विजय पांडेय पुलिस की मौजूदगी में तीखी नोकझोंक करते दिख रहे हैं। इसी दौरान बासगांव के बीजेपी सांसद कमलेश पासवान वहां आते हैं और अस्पताल के अंदर जाते हैं। एक व्यक्ति उन्हें रोकने की कोशिश करता है लेकिन श्री पासवान अंदर चले जाते हैं। बाद में कुछ लोग डा. प्रमोद सिंह को गाली देते और धक्का देते हुए दिख रहे हैं। इसके बाद पुलिस कुछ लोगों को गाड़ी में बिठाकर ले जाती हुई दिख रही है।

अस्पताल के एक डायरेक्टर विजय पांडेय ने बांसगांव के भाजपा सांसद कमलेश पासवान पर अपने रसूख का इस्तेमाल कर अस्पताल पर कब्जे का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कल दोपहर में दूसरे पक्ष की ओर से कमलेश पासवान मौजूद थे और डनहोंने मुझे धमकी भी दी। पुलिस हमें लेकर गयी लेकिन सांसद की उपस्थिति को नजरअंदाज कर दिया।

उधर भाजपा सांसद कमलेश पासवान ने कहा कि वह और उनकी पत्नी कानूनी तरीके से अस्पताल के डायरेक्टर हैं और इसी तौर पर उनका आना-जाना होता है। अस्पताल पर कब्जे को कोई सवाल नहीं है। डा. प्रमोद सिंह और उनके भाई 60 फीसदी से अधिक के शेयरधारक हैं। उन्होंने ही मुझे व मेरी पत्नी को निदेशक बनाया है। दूसरे पक्ष के लोग नेशनल कम्पनी ला टिब्यूनल के इलाहाबाद बेंच में मामले को लेकर गए हैं। वहा मामला चल रहा है। वहां से निर्णय आने का इंतजार करना चाहिए।

छात्र संघ चैराहे पर स्थित मल्टी स्टोरी बिल्डिंग मशहूर होम्योपैथिक चिकित्सक डा. सोहन लाल के परिजनों की है। इस बिल्डिंग को 2013 में किराए पर लेकर अस्पताल शुरू किया गया। इस अस्पताल को चलाने के लिए महराजगंज के मूल निवासी विजय पांडेय सहित सात लोगों ने कम्पनी बनायी थी। संस्थापकों ने अस्पताल शुरू करने में पैसा जरूर लगाया लेकिन चलाने का अनुभव न होने के कारण काफी घाटा होने लगा। करीब तीन वर्ष बाद का अस्पताल के संस्थापकों ने इसका संचालन शहर के मशहूर सर्जन डा. प्रमोद सिंह को दे दिया।

कुछ दिन तक तो सब ठीक-ठाक रहा लेकिन बाद में डा. प्रमोद सिंह व विजय पांडेय पक्ष में मतभेद शुरू हो गए। विजय पांडेय पक्ष का आरोप है कि डा. प्रमोद सिंह खुद कम्पनी के डायरेक्टर बन गए और एक-एक कर अपने लोगों को गलत तरीके से डायरेक्टर बनाते गए। बाद में उन्होंने भाजपा सांसद कमलेश पासवान, उनकी पत्नी सहित सात अन्य लोगों को भी निदेशक बना दिया। इस अवधि में अनुबंध के अनुसार उन्होंने कर्ज का भुगतान भी नहीं किया। जब उन लोगों को कागजों में फर्जीवाड़े का पता चला तो उन्होने नेशनल कम्पनी ला टिब्यूनल के इलाहाबाद बेंच में केस किया। वहां से दो वर्ष का बैलेंस शीट दाखिल करने को कहा गया लेकिन अभी तक बैलेंस सीट दाखिल नहीं किया गया।

दूसरी तरफ डा. प्रमोद सिंह का कहना है कि वह कम्पनी के 60 फीसदी से अधिक के शेयरधारक हैं। वे ही अस्पताल संचालित कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वे सोमवार को अस्पताल में आपरेशन की तैयारी कर रहे थे तभी विजय पांडेय, रामनिवास गुप्ता, गोविंद प्रसाद आदि आए और उनके साथ मारपीट की। इन लोगों ने 35 हजार रूपए भी लूट लिए।

सोमवार को हुए विवाद के बाद देर शाम तक प्रशासन चुप रहा लेकिन रात को वह अचानक सक्रिय हो गया। एक-एक कर सभी बड़े अफसर अस्पताल पर पहुुंचने लगे। अस्पताल को रात में सील कर दिया गया। अस्पताल में उस वक्त 24 मरीज भर्ती थे। डीएम ने कहा कि मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट  किया जाएगा।

उधर बिल्डिंग के मालिक शीतल हीलिंग लि. की तृप्ति लाल ने बताया कि पिछले एक वर्ष से उन्हें किराया भी नहीं मिला है। किराए के मद में होप पैनेसिया अस्पताल पर 96 लाख रूपए बकाया है।