समाचार

भारत बंद के समर्थन में देवरिया में विभिन्न संगठनों ने पर्चा बाँटा

देवरिया. संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर भारत बंद के आह्वान को सफल बनाने के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा पर्चा वितरण और जन संपर्क अभियान कोतवाली रोड, सब्जी मंडी, छह मुखी चौराहा, मालवीय रोड, सिविल लाइंस, कसया ढाला, भीखमपुर रोड, राजकीय परिवहन विभाग, भटवालिया टैक्सी स्टैंड, बिजली विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय, निबंधन कार्यालय जैसे स्थानों पर कामरेड राम किशोर वर्मा और भाकियू नेता विनय सिंह के नेतृत्व में चलाया गया।

इस दौरान माध्यमिक शिक्षक संघ के नेताओं, विद्युत इंजीनियर संघ के नेता ए के वर्मा, रोडवेज संयुक्त परिषद अध्यक्ष अरविंद कुमार और टैक्सी टेम्पो संघ के नेता बबलू को मोर्चा के तरफ से देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने के लिए समर्थन देने के लिए पत्र सौंपा गया।

समर्थन पत्र और वितरित किए जा रहे पर्चो के माध्यम से लोगों से अपील की गई कि खेती किसानी को पूरी तरह बर्बाद करने और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए निजीकरण करने सरकारी विभागों को बेचने जैसी गलत नीतियों के खिलाफ सभी को आगे आने की जरूरत है। सरकार की कारपोरेट परस्त नीतियों के कारण किसान, मजदूर, दुकानदार, भूमिहीन, आदिवासी, बुनकर, कारीगर, आढ़ती, पल्लेदार, छोटे व्यापारी पटरी, व्यापारी सभी संकटग्रस्त हैं ।ऑटो टैक्सी चलाकर जीविकोपार्जन करने वाले लोगों के सामने भी डीजल-पेट्रोल की महंगाई और जनता में क्रय शक्ति घटते जाने के कारण मजदूरी निकाल पाना भी मुश्किल हो गया है।

पर्चे में कहा गया है कि आज महंगाई खत्म करने के लिए जरूरी है कि डीजल, पेट्रोल एवं रसोई गैस की कीमतें तत्काल आधी की जाएं। कारपोरेट की लूट पर लगाम लगाई जाए और देश के सभी प्रकार की संपत्ति पर देश की जनता का स्वामित्व स्थापित किया जाए। देश की पूरी संपदा मैं देश की संपूर्ण आबादी का हिस्सा है, वह किसी कारपोरेट या कारपोरेट के दलालों की निजी संपत्ति नहीं बनाई जा सकती। पर्ची के माध्यम से लोगों से अपील की गई है कि निजीकरण, उदारीकरण, वैश्वीकरण की नीतियों को पूरी तरह खारिज करते हुए संविधान की प्रस्तावना में दिए हुए समाजवादी समाज के संकल्प को लागू किए जाने की जरूरत है। सभी तरह के निजीकरण की व्यवस्था खत्म कर समाजवादी समाज का निर्माण किया जाना आज की जरूरत है। तीनों कृषि कानूनों, बिजली बिल अधिनियम और नई शिक्षा नीति 2020 को वापस किया जाना चाहिए।

प्रचार अभियान में डॉ मधुसूदन उपाध्याय, राघवेन्द्र प्रताप शाही, चंद्रदेव सिंह, बृजेंद्र मणि त्रिपाठी ,आरपी सिंह, कामरेड साधु सरण,विनय सिंह, एकेश मिश्रा, विजय जुआठा , सुरेंद्र चौहान, सदानंद यादव सहित अनेक किसान कार्यकर्ताओं ने कारपोरेट के खिलाफ और किसान आंदोलन के समर्थन में नारेबाजी करते हुए 27 सितंबर के बंद के लिए जनता से अपील की।