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बंद हो जाएगा वाटर पार्क, जीडीए ने के आर एम्यूजमेंट एंड रिसोर्ट्स से करार निरस्त किया

गोरखपुर। गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने रामगढ़ ताल क्षेत्र में स्थित वाटर पार्क नीर निकुंज का करार रद कर दिया है। प्राधिकरण का आरोप है कि नीर निकुंज को संचालित करने वाली फर्म मेसर्स के आर एम्यूजमेंट एंड रिसोर्ट्स ने जीडीए से हुए करार का उल्लंघन किया और वाटर पार्क के लिए दी गई भूमि पर बारात घर संचालित किए और सार्वजनिक उपयोग के लिए छोड़े गए एक एकड़ हिस्से का भी व्यावसायिक उपयोग किया। जीडीए ने वाटर पार्क को खाली कराने के लिए डीएम को पत्र लिखकर पुलिस बल उपलब्ध कराने की मांग की है।

वाटर पार्क के लिए जीडीए और मेसर्स के आर एम्यूजमेंट एंड रिसोट्र्स के बीच 28 अगस्त 2005 को करार हुआ था। इस करार के तहत वाटर वार्क के लिए चम्पा देवी पार्क का 12 एकड़ क्षेत्र उपलब्ध कराया था। इसके बदले में जीडीए फर्म से किराया लेता था। इस करार से सम्बन्धित पूरक करार 19 अक्टूबर 2007 को हुआ था।
इस भूमि पर वाटर पार्क नीर निकुंज संचालित हो रहा था। कुछ वर्षों से वाटर पार्क के कुछ हिस्से में बारात घर संचालित होने लगे। वाटर पार्क को भी विवाह व अन्य अवसरों के लिए बुक किया जा रहा था।

सूत्रों के अनुसार बारात घर संचालित होने से आस-पास रहने वाले लोगों को दिक्कत होने लगी। कई लोगों ने जीडीए से इसकी शिकायत भी की। वाटर पार्क संचालित करने वाली फर्म ने जिन लोगों को बारातघर चलाने के लिए भूमि दी थी, उनमंे से भी एक से उनका विवाद हो गया। इस पर उसने जीडीए से सूचना अधिकार कानून के तहत जानकारी मांगी जिससे पता चला कि वाटर पार्क के लिए दी गई भूमि का उपयोग बारात घर संचालित करने में भी हो रहा है। इसके बाद वाटर पार्क संचालित करने वाली फर्म को नोटिस दिया गया।

वाटर पार्क संचालित करने वाली फर्म के साझेदारों में एक दीपक अग्रवाल हैं जो पूर्व में हिन्दू युवा वाहिनी के नेता रह चुके हैं और पिपराइच विधानसभा से चुनाव लड़ चुके हैं। जीडीए से नोटिस मिलने के बाद उन्होंने जीडीए के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए और इसकी शिकायत भी की। मामला कमिश्नर कोर्ट और हाईकोर्ट में भी गया।

श्री अग्रवाल का कहना है कि उनके द्वारा रिश्वखोरी की शिकायत करने के कारण ही अनुबंध निरस्त किया गया है। पूर्व में दी गई नोटिस में उन्हें सामान व स्टक्चर हटाने के लिए समय दिया गया था लेकिन एकाएक 12 नवम्बर को अनुबंध निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया गया जबकि कमिश्नर कोर्ट से अभी इस मामले की सुनवाई चल रही है।

करार निरस्त होने के बाद जीडीए जल्द से जल्द वाटर पार्क को खाली कराने की कोशिश में है। जीडीए उपाध्यक्ष ए दिनेश कुमार का कहना है कि पार्क की भूमि खाली कराए जाने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि वहां किस प्रकार की गतिविधि संचालित की जा सकती है।

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