विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा : दो माह के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे गर्भनिरोधक साधन

गोरखपुर। ‘‘आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी ’’ थीम के साथ 11 जुलाई से 31 जुलाई के बीच प्रस्तावित विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा की तैयारी शुरू हो गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुधाकर पांडेय ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी करके आशा कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की है। जुलाई में प्रसव कराने वाली गर्भवती को आशा कार्यकर्ता अभी से प्रेरित करेंगी। साथ ही लाभार्थियों को गर्भ निरोधक गोलियां और दो माह के लिए कंडोम वितरित करेंगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और अर्बन हेल्थ पोस्ट के अधिकारियों को जारी पत्र में कहा है कि प्रत्येक आशा पखवाड़े के दौरान एक-एक पीपीआईयूसीडी, दो-दो आईयूसीडी और दो-दो त्रैमासिक गर्भनिरोधक अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थी को सेवा दिलवाएं। आशा की डायरी में दर्ज साप्ताहिक गोली छाया, माला-एन और कंडोम के लाभार्थियों को पखवाड़े के दौरान एक-एक छाया गोली, दो-दो माला एन और चार-चार कंडोम के पैकेट दो माह के लिए दिये जाएंगे। पत्र में यह भी कहा गया है कि पखवाड़े के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन सख्ती से किया जाए।

जिला अस्पताल, महिला अस्पताल, सीएचसी और पीएचसी के अधिकारियों को जारी पत्र में पखवाड़े के दौरान के प्रत्येक निर्धारित सेवा दिवस (एफडीएस) पर 10 केस लोड निर्धारित किया गया है और दिशा-निर्देश है कि नसबंदी की सेवा कोविड एंटीजन टेस्ट के बाद ही दी जाएगी। यह भी बताया गया है कि प्रत्येक वर्ष की भांति महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, अंतरा, छाया, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी, छाया, माला एन और कंडोम की श्रेणी में बेहतर प्रदर्शन करने वाले ब्लॉक को जिला स्तर से पुरस्कृत किया जाएगा।

गर्भ निरोधक साधनों की उपलब्धता हर स्तर पर सुनिश्चित की जाएगी

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) डॉ. नंद कुमार ने बताया कि पखवाड़े के सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट(यूपीटीएसयू) और पापुलेशन इंटरनेशनल सर्विसेज (पीएसआई) – द चैलेंज इनीशिएटिव ऑफ हेल्दी सिटीज (टीसीआईएचसी) जैसी स्वयंसेवी संस्थाएं भी तकनीकी सहयोग कर रही हैं। पखवाड़े में आशा कार्यकर्ता की भूमिका अहम है। जिले में करीब साढ़े तीन हजार से अधिक आशा कार्यकर्ता हैं, जो इस अभियान को सफल बनाएंगी। सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्वास्थ्य इकाई पर परिवार नियोजन के साधनों की कोई कमी न हो।