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इंसेफेलाइटिस पीड़ित बच्चों को देख दुखी हुए मुख्य सचिव, कहा-रोकथाम में धन की कमी नहीं होगी

गोरखपुर, 29 सितम्बर। मुख्य सचिव राहुल भटनागर ने आज बीआरडी मेडिकल कालेज जाकर इंसेफेलाइटिस मरीजों के इलाज की व्यवस्था देखी। उन्होंने मरीजों के परिजनों, चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ से भी बात कर इलाज में आने वाली दिक्कतों के बारे में पूछा।
बाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस से बच्चों को पीडि़त देख उन्हें काफी दुख है। तीन दशक से अधिक समय से यह बीमारी है। हम इसे खत्म करने के दीर्घकालीन उपायों पर कार्य कर रहे हैं। इंसेफेलाइटिस के रोकथाम के लिए धन की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण से जापानी इंसेफेलाइटिस के केस में काफी कमी आई है। मेडिकल कालेज को इंसेफेलाइटिस मरीजों के इलाज के लिए जो भी जरूरत है, दिया जाएगा। पीएचसी और सीएचसी पर इंसेफेलाइटिस के इलाज की व्यवस्था के फेल होने सम्बन्धी सवाल पर उन्होंने कहा कि वह आज की बैठक में सभी पहलुओं पर विचार करेंगे।

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मुख्य सचिव मेडिकल कालेज पहुंचने के बाद सीधे 100 बेड के इंसेफेलाइटिस वार्ड में गए। वहां उन्होंने मरीजों को देखा और इलाज के बारे में जानकारी प्राप्त की। बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डा. महिमा मित्तल ने उन्हें चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के बारे में बताया। उन्होंने इंसेफेलाइटिस मरीजों के परिजनों से भी बातचीत की। इसके बाद वह नियो नेटल आईसीयू में भी गए।

मुख्य सचिव राहुल भटनागर
इंसेफेलाइटिस वार्ड के बाद उन्होंने मेडिकल कालेज परिसर में बन रहे 500 बेड के बाल रोग संस्थान का निरीक्षण किया। संस्थान के प्रथम तल को जल्द तैयार कर ओपीडी सेवाएं शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही मुख्यमंत्री आकर इसका उद्घाटन करेंगे।
निर्माणाधीन बाल रोग संस्थान के निरीक्षण के बाद उन्होंने प्राचार्य कक्ष में प्राचार्य, बाल रोग विभाग की अध्यक्ष, वरिष्ठ चिकित्सकों, एडी हेल्थ, सीएमओ आदि के साथ करीब आधे घंटे तक बैठक की। इस दौरान डीएम डॉ संध्या तिवारी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य भी मौजूद थे।

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