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महराजगंज के 18 वनटांगिया गांवों में चकबंदी होगी, शासनादेश आने पर वनटांगियों ने जश्न मनाया

गोरखपुर। राज्य सरकार ने महराजगंज के 18 वनटांगियां गांवों में चकबंदी कराने का आदेश दे दिया है। इससे वर्ष 2017 में राजस्व गांव घोषित हुए वनटांगियां गांवों में रहने वाले पांच हजार से अधिक वनटांगिया परिवारों को बहुत राहत मिलेगी।

राजस्व गांव बनने के बाद वनटांगिया गांवों की सूरत बदली है। गांवों में स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र बन गए हैं। वनटांगियां गांव सड़क से जुड़ रहे हैं लेकिन चकबंदी न होने से वनटांगियां गांव भूमि सम्बन्धी विसंगतियों का सामना कर रहे हैं।
गोरखपुर और महराजगंज में 23 वनटांगियां गांव हैं।

राजस्व गांव घोषित होने के पांच वर्ष बाद अभी सिर्फ एक गांव गोरखपुर के चिलबिलवा में चकबंदी प्रक्रिया पूरी हुई है। शेष 22 गांवों में चकबंदी पूरी नहीं होने से खेती-किसानी योजनाओं का वनटांगियों को लाभ तो नहीं ही मिल रहा है, पट्टे पर दर्ज रकबे और वास्तविक उपभोग की भूमि की विसंगतियां भी दूर नहीं हो पा रही है। वन ग्रामों का नक्शा-नजरी, खसरा-खतौनी तैयार न होने से बैंक वनटांगिया किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड भी जारी नहीं कर रहे हैं।

चकबंदी प्रक्रिया शुरू होने से खसरा-खतौनी में भूमि दर्ज हो जाएगा और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।

वनटांगियों के संगठन वनटांगिया विकास समिति दोनों जिलों में अधिकारियों से मिल कर लगातार चकबंदी प्रकिया शुरू करने के लिए ज्ञापन दे रहे थे। गोरखपुर जिले के सभी पांच गांव में चकबंदी प्रक्रिया शुरू करने का आदेश हो गया था लेकिन महराजगंज में इस सम्बन्ध में कोई आदेश नहीं हुआ। वनटांगिया विकास समिति ने सात जुलाई 2023 को जिलाधिकारी, 15 जुलाई को चकबंदी अधिकारी और 25 जुलाई को गोरखपुर के कमिश्नर को ज्ञापन दिया था।

वनटांगिया विकास समिति के मंडल अध्यक्ष जयराम प्रसाद ने बताया कि लगातार प्रयास के बाद 19 जनवरी 2024 को चकबंदी संचालक जीएस नवीन कुमार ने महराजगंज जिले के सभी 18 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू करने का शासनादेश जारी कर दिया है। दो अलग-अलग शासनादेश में 18 वनटांगिया गांव के अलावा निचलौल तहसील के सोहगीबरवां गांव में भी चकबंदी प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया है।

इस आदेश के तहत महराजगंज जिले की सदर तहसील में स्थित वनटांगिया गांव-हथियहवा, चेतरा, बलुअहिया, उसरहवा नर्सरी, बेलासपुर, बीट नर्सरी, दौलतपुर, बरवा चंदन माफी, नौतनवा तहसील के अचलगढ़, तिनकोनिया, बेलौहा दर्रा, फरेन्दा तहसील के खुर्रमपुर, सूरपार, भारीवैसी, निचलौल तहसील के कम्पार्ट नम्बर 28, कम्पार्ट नम्बर 24, कम्पार्ट नम्बर 26 व 27 में चकबंदी प्रक्रिया शुरू होगी।

चकबंदी आदेश आने की खुशी में वनटांगिया गांव बरहवा (बरवा चंदन माफी) में 27 फरवरी को सभी वनटांगिया गांव के मुखिया जुटे। इस मौके पर वनटांगिया गांवों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए उनके बीच तीन दशक से कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता विनोद तिवारी, वनटांगिया विकास समिति के अध्यक्ष जयराम प्रसाद के साथ-साथ सभी गांवों के मुखिया का अभिनंदन किया गया। इस मौके पर अपने सम्बोधन में विनोद तिवारी व जयराम प्रसाद ने वनटांगिया समुदाय को एकजुट रहते हुए अपने संगठन को मजबूत करने पर बल दिया। उन्होंने चकबंदी प्रक्रिया की सावधानी से निगरानी करने को कहा।

सभा को सम्बोधित करते हुए सुभाष निषाद, सीताराम निषाद आदि ने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया से वनटांगिया गांवों में भूमि सम्बन्धी विसगंतिया दूर होने की उम्मीद है। लगभग सभी गांवों में पट्टे से कम भूमि वनटांगियों को मिली है। उम्मीद है कि चकबंदी प्रक्रिया में पट्टे के हिसाब से वनटांगियों को अपनी जमीन मिल जाएगी।

भारीवैसी के राममिलन ने सड़क चौड़ीकरण में पट्टे की भूमि अधिग्रहीत होने का मामला उठाया और कहा कि वनटांगियों को शीघ्र ही अधिग्रहीत जमीन के बदले दूसरी जमीन मिलनी चाहिए।

वनटांगिया गांवों के मुखिया ने वन अधिकार कानून के तहत लघु वन उपज पर अधिकार नहीं मिलने की बात कही और कहा कि यह अधिकार पाने के लिए संघर्ष किया जाएगा। वनटांगिया गांवों को स्वतंत्र ग्राम पंचायत का दर्जा दिए जाने की भी बात उठी।

इस मौके पर उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पिछले चार दशक में वनटांगियों ने अपने अनथक संघर्ष के बूते जमीन का अधिकार प्राप्त किया, गांवों को पंचायत से जुड़वाया, वन ग्रामों को राजस्व गांव का दर्ज दिलवाया और अब चकबंदी कराने का काम भी करा लिया। एकता और संघर्ष के बल पर वे अपने गांवों को स्वतंत्रत ग्राम पंचायत का दर्जा दिलाने में भी जरूर सफल होंगे और लघु वन उपज पर भी हक लेकर रहेंगे।

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